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Sunita Williams Health: चलना-फिरना मुश्किल… जानिए सुनीता विलियम्स Fit होने के लिए क्या कर रही हैं

Sunita Williams Health Update: अंतरिक्ष से लौटक सुनीता विलियम्स बेहद कमजोर हो गई हैं। सुनीता विलियम्स की लेटेस्ट फोटों में उनका कमजोर शरीर दिख रहा है।

भारतMar 23, 2025 / 11:49 am

Ravi Gupta

Sunita Williams Health Latest Update in Hindi

सुनीता विलियम्स अंतरिक्ष से लौटकर इन समस्याओं से गुजर रही हैं

Sunita Williams Health Update: अंतरिक्ष में नौ माह बिताने के बाद सुनीता विलियम्स को कुछ हेल्थ समस्याओं (Sunita Williams Health Issues) से गुजरना पड़ रहा है। धरती पर सामान्य जीवन जीने के लिए उन्हें वक्त लगेगा। उन्हें फिर से ‘धरतीवासी’ बनने, यानी वास्तव में सामान्य जीवन में लौटने, में कई महीने का समय लग सकता है।

अंतरिक्ष में शरीर हो जाता है कमजोर

लंबे समय तक अंतरिक्ष में बिना गुरुत्वाकर्षण वाली परिस्थिति में रहने से उन्हें शारीरिक प्रणाली, हार्माेनल व मानसिक परिवर्तन के दौर से गुजरना पड़ा है। हड्डियां और मांसपेशियां कमजोर होने से वे फिलहाल चल नहीं सकते, उन्हें संक्रमण का खतरा है, ऐसे में उन्हें सामान्य होने के लिए कई तरह के व्यायाम, थैरेपी आदि का सहारा लेना पड़ता है, जानते हैं इन दिनों सुनीता विलियम्स और विल्मोर क्या कर रहे हैं-

मांसपेशी और हड्डियों की मजबूती के लिए क्या?

अंतरिक्ष में हड्डियों का घनत्व प्रति माह 1-2% की दर से घटता है, धरती पर लौटने पर यात्री को फ्रेक्चर का खतरा रहता है। इसके लिए सहारे से ट्रेडमिल पर चलना, कैल्शयम और विटामिन डी सप्लीमेंट और हाइड्रोथेरेपी (जल-आधारित व्यायाम) करवाया जा रहा है।

हार्ट को स्वस्थ करने के लिए क्या उपाय?

अंतरिक्ष में गुरुत्वाकर्षण के बिना हार्ट को रक्त पहुंचाने के लिए ज्यादा पंपिंग करनी पड़ती है, जिससे वह कमजोर होता है। पृथ्वी पर आने पर चक्कर आने या बेहोशी का खतरा होता है। हार्ट की मजबूती के लिए हल्की साइकिलिंग, रोइंग और तैराकी की जाती है। साथ ही रक्त का प्रवाह नियमित करने के लिए टिल्ट टेबल प्रशिक्षण (झुकी हुई सतह पर लेटना) दिया जाता है।
दिमाग का अनुकूलन कैसे?
अंतरिक्ष में रहने से दिमाग में निरंतरता की भावना टूटती है जिससे धरती पर आने के बाद असंतुलन, चक्कर आना और प्रतिक्रिया समय में देरी से जूझते हैं। इससे पार पाने के लिए अस्थिर सतहों पर चलना, स्थिरता गेंदों का उपयोग करना, तथा नेत्र-ट्रैकिंग अभ्यास किया जाता है। साथ ही न्यूरोमस्क्युलर थेरेपी दी जाती है।

आंतों के स्वास्थ्य के लिए क्या?

अंतरिक्ष में गुरुत्वाकर्षण के अभाव में भोजन शरीर में धीमी गति से आगे बढ़ता है और लाभकारी बैक्टीरिया कम हो जाते हैं, आंतें कमजोर होने से पाचन की समस्या होती है। धरती पर लौटने के बाद आंतों के संतुलन और उनकी गतिशीलता के लिए ज्यादा फाइबर वाला आहार, प्रायोबेटिक सप्लीमेंट और तरल पदार्थों का सेवन करना होता है।
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आंखों का व्यायाम

अंतरिक्ष में रहने से स्पेसफ्लाइट-एसोसिएटेड न्यूरो-ऑकुलर सिंड्रोम (SANS) के कारण आंखों की तंत्रिका पर दबाव बढ़ जाता है, जिससे दृष्टि धुंधली होती है और ध्यान केंद्रित करने दिक्कत होती है। इसे ठीक करने के के लिए आंखों के व्यायाम के साथ आहार में नमक की कम मात्रा और तरल पदार्थ पर जोर दिया जाता है।

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