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Kidney Health Tips : कैसे बचाएं अपने गुर्दों को नुकसान से?

Best time for kidney transplant : हमारी किडनी हमारे शरीर के लिए एक महत्वपूर्ण अंग है, जो रक्त को शुद्ध करने, अनावश्यक तरल और विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने का काम करती है। हाल के वर्षों में किडनी संबंधी बीमारियों के मामले बढ़े हैं

भारतMar 20, 2025 / 07:31 pm

Manoj Kumar

Kidney Health Tips

Kidney Health Tips

Kidney health tips : हमारी किडनी हमारे शरीर के लिए एक महत्वपूर्ण अंग है, जो रक्त को शुद्ध करने, अनावश्यक तरल और विषाक्त पदार्थों को बाहर निकालने का काम करती है। हाल के वर्षों में किडनी संबंधी बीमारियों के मामले बढ़े हैं, और इससे जुड़ी जिज्ञासाएं भी आम हो गई हैं। यहां हम आपके द्वारा पूछे गए कुछ महत्वपूर्ण सवालों के जवाब दे रहे हैं। डॉ. आलोक जैन नेफ्रेालॉजिस्ट और ट्रांसप्लांट फिजिशियन

1. क्रिएटिनिन लेवल बढ़ना: क्या यह किडनी की स्थायी क्षति का संकेत है?

क्रिएटिनिन का बढ़ा हुआ स्तर हमेशा स्थायी क्षति का संकेत नहीं होता। यह अस्थायी कारणों जैसे निर्जलीकरण, अधिक प्रोटीन सेवन, या किसी संक्रमण के कारण भी हो सकता है। हालांकि, यदि यह स्तर लगातार बढ़ा रहता है, तो किडनी की कार्यक्षमता की जांच जरूरी है। दवाओं, आहार नियंत्रण और जीवनशैली में बदलाव से इसे नियंत्रित किया जा सकता है।

2. ग्लोमेरुलोनेफ्राइटिस: यह बीमारी कितनी गंभीर हो सकती है?

ग्लोमेरुलोनेफ्राइटिस एक ऐसी स्थिति है जिसमें किडनी के फिल्टर प्रभावित होते हैं। यह स्थिति कभी-कभी खुद ठीक हो सकती है, लेकिन यदि यह क्रॉनिक रूप ले ले तो किडनी डैमेज कर सकती है। इसके उपचार में दवाइयों के साथ-साथ नियंत्रित आहार और नियमित जांच शामिल हैं।


3. क्या डायलिसिस हमेशा के लिए जरूरी होता है?

अगर किडनी की बीमारी अंतिम चरण में पहुंच जाती है, तो डायलिसिस की जरूरत हो सकती है। लेकिन कुछ मामलों में, किडनी ट्रांसप्लांट से स्थायी समाधान मिल सकता है। कुछ लोग सालों तक डायलिसिस पर भी अच्छा जीवन जी सकते हैं।
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4. डायलिसिस के दौरान जीवनशैली में क्या बदलाव जरूरी हैं?

डायलिसिस पर रहने वालों को अपने आहार पर विशेष ध्यान देना चाहिए। सोडियम, पोटैशियम और फॉस्फोरस की मात्रा सीमित करनी चाहिए। हल्की फिजिकल एक्टिविटी और सकारात्मक मानसिकता बनाए रखना महत्वपूर्ण है।

5. प्रोटीन यूरिया: यह क्या दर्शाता है?

अगर पेशाब में प्रोटीन आ रहा है, तो यह किडनी की कमजोरी का संकेत हो सकता है। यह डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर या किसी अन्य किडनी रोग का लक्षण हो सकता है। समय पर जांच और उचित इलाज से इसे नियंत्रित किया जा सकता है।

6. कौन-कौन से टेस्ट किडनी की स्थिति को बेहतर समझने में मदद कर सकते हैं?

क्रिएटिनिन, यूरिया, जीएफआर (ग्लोमेरुलर फिल्ट्रेशन रेट) और अल्ट्रासाउंड जैसे टेस्ट किडनी की स्थिति का सही आकलन करने में मदद करते हैं। डॉक्टर की सलाह से समय-समय पर इनकी जांच करानी चाहिए।

7. क्या नेफ्रोटिक सिंड्रोम का इलाज संभव है?

नेफ्रोटिक सिंड्रोम का इलाज संभव है, लेकिन यह व्यक्ति की स्थिति पर निर्भर करता है। एलोपैथी, आयुर्वेद और होम्योपैथी में इसके विभिन्न उपचार उपलब्ध हैं। नियमित जांच और आहार नियंत्रण से स्थिति को संभाला जा सकता है।

8. नेफ्रोटिक सिंड्रोम और थायरॉइड का क्या संबंध है?

थायरॉइड की समस्या से किडनी प्रभावित हो सकती है और नेफ्रोटिक सिंड्रोम भी थायरॉइड फंक्शन को प्रभावित कर सकता है। किडनी की मौजूदा स्थिति जानने के लिए क्रिएटिनिन और जीएफआर की जांच करानी चाहिए।

9. किडनी ट्रांसप्लांट का सबसे अच्छा समय कब होता है?

जब किडनी की कार्यक्षमता 15% से कम हो जाती है और डायलिसिस की आवश्यकता होती है, तो किडनी ट्रांसप्लांट का समय सही माना जाता है। ट्रांसप्लांट के बाद जीवनशैली में कुछ बदलाव जरूरी होते हैं, लेकिन व्यक्ति सामान्य जीवन जी सकता है।

10. कम्पेटिबल किडनी ट्रांसप्लांट क्या होता है?

जब डोनर और रिसीवर का ब्लड ग्रुप और टिशू टाइपिंग मेल खाती है, तो इसे कम्पेटिबल ट्रांसप्लांट कहते हैं। इसकी सफलता की संभावना 90% से अधिक होती है। इसके लिए एचएलए (ह्यूमन ल्यूकोसाइट एंटीजन) टेस्ट किया जाता है।

11. डॉमिनो ट्रांसप्लांट: क्या यह लाभकारी है?

डॉमिनो ट्रांसप्लांट एक विशेष प्रकार का किडनी ट्रांसप्लांट है जिसमें एक डोनर कई लोगों को लाभ पहुंचा सकता है। इसमें कई मरीजों को एक-दूसरे से कम्पेटिबल डोनर मिल सकते हैं।

12. क्या किडनी देने के बाद डोनर की जीवनशैली में बदलाव आता है?

एक किडनी दान करने के बाद भी डोनर सामान्य जीवन जी सकता है। हालांकि, उसे हाई ब्लड प्रेशर और डायबिटीज जैसी समस्याओं से बचना चाहिए। हेल्दी डाइट और एक्सरसाइज से कोई परेशानी नहीं होती।

13. क्या किडनी ट्रांसप्लांट के बाद शारीरिक गतिविधियों में कोई प्रतिबंध होता है?

ट्रांसप्लांट के बाद शुरुआती कुछ महीनों तक भारी वजन उठाने और अत्यधिक व्यायाम से बचना चाहिए। लेकिन बाद में डॉक्टर की सलाह के अनुसार व्यायाम और सामान्य गतिविधियां जारी रख सकते हैं।
किडनी की देखभाल के लिए सही जानकारी और नियमित जांच बहुत जरूरी है। यदि किसी भी प्रकार की किडनी समस्या हो, तो विशेषज्ञ डॉक्टर से संपर्क करें और उचित इलाज शुरू करें। सही आहार, नियंत्रित जीवनशैली और समय पर इलाज से किडनी की बीमारियों को काफी हद तक रोका जा सकता है।

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