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Heart Disease Detection App : दिल की बीमारी अब पकड़ेगा मोबाइल, 14 साल के सिद्धार्थ ने कर दिखाया कमाल

Siddarth Nandyala AI app : भारतीय-अमेरिकी 14 वर्षीय किशोर सिद्धार्थ नंदीयाला इन दिनों चर्चा में हैं। उन्होंने AI की मदद से एक ऐसा ऐप बनाया है जो सिर्फ कुछ सेकंड में दिल की बीमारी पकड़ सकता है।

भारतApr 09, 2025 / 12:29 pm

Manoj Kumar

14 year old genius siddarth nandyala Builds Heart Disease Detection App Obama-Biden also became admirers

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Heart Disease Detection App : भारतीय-अमेरिकी किशोर सिद्धार्थ नंदीयाला इन दिनों खूब सुर्खियों में हैं। वजह उनकी ज़बरदस्त सोच और टैलेंट है इतना ही नहीं, उनके काम की बराक ओबामा और जो बाइडेन जैसे बड़े नेताओं ने भी तारीफ की है।
सिद्धार्थ ने AI यानी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस की मदद से एक ऐसा ऐप बनाया है जो सिर्फ कुछ सेकंड में दिल से जुड़ी बीमारियों का पता लगा सकता है। सोचिए, मोबाइल से ही दिल की जांच ये टेक्नोलॉजी उन जगहों पर भी बहुत काम आ सकती है जहां मेडिकल सुविधाएं कम हैं।
छोटी सी उम्र में इतना बड़ा काम करना हर किसी के बस की बात नहीं होती। लेकिन सिद्धार्थ ने ये कर दिखाया है – और वो भी पूरे आत्मविश्वास के साथ।

Heart Disease Detection App : खिलौनों से शुरू हुआ जुनून, AI तक पहुंचा

सिद्धार्थ को उनका पहला STEM किट सिर्फ 7 साल की उम्र में मिला था, और तभी से उन्हें साइंस और टेक्नोलॉजी से प्यार हो गया। इंडियन एक्सप्रेस को दिए इंटरव्यू में उन्होंने बताया, कुछ नहीं से कुछ बना पाने का जो आइडिया था, उसने मुझे बहुत ही ज़्यादा आकर्षित किया। तभी से मेरे अंदर एक जिज्ञासा जाग गई जो आज तक कायम है।
हाल ही में आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू और डिप्टी सीएम पवन कल्याण ने भी सिद्धार्थ की मेहनत और काम की जमकर तारीफ की है।

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हैदराबाद में जन्मे सिद्धार्थ कम उम्र में ही अमेरिका चले गए थे। वो बताते हैं, भारत ने मुझे मेहनत, विनम्रता और पढ़ाई की अहमियत सिखाई, वहीं अमेरिका ने मुझे सिखाया कि बिना डरे बड़े-बड़े आइडिया पर काम कैसे करना है। इन दोनों चीजों ने मिलकर मेरी सोच और मेरे काम को एक मजबूत नींव दी है।
इतनी कम उम्र में ही सिद्धार्थ ने दो कंपनियां शुरू कर दी हैं—STEM IT और Circadian AI। उनके इस जबरदस्त काम की तारीफ अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा और जो बाइडेन भी कर चुके हैं। उन्हें दोनों से बधाई के पत्र मिले हैं, जो अपने आप में बहुत बड़ी बात है।

STEM IT: तकनीकी शिक्षा में क्रांति

अपने पहले उद्यम, STEM IT के बारे में बात करते हुए सिद्धार्थ ने स्वीकार किया कि यह निराशा से उपजा था। उन्होंने कहा कि पारंपरिक शिक्षण सामग्री छात्रों को तकनीकी क्षेत्र की व्यापक समझ प्रदान नहीं करती है। “वे सतही सिद्धांत सिखाते हैं लेकिन छात्रों को यह दिखाने में विफल रहते हैं कि वास्तविक दुनिया में चीजें कैसे काम करती हैं। STEM IT के साथ मैं उस खाई को पाटना चाहता था। छात्रों को प्रयोग करने निर्माण करने और हमारी तकनीक-संचालित दुनिया के पीछे के सिस्टम को समझने के लिए हैंड्स-ऑन उपकरण देना चाहता था।

Circadian AI: ध्वनि से जीवन बचाने की तकनीक

अपने दूसरे उद्यम, Circadian AI के बारे में सिद्धार्थ ने बताया कि उन्होंने इसे तब आगे बढ़ाया जब उन्हें इसकी जीवन-रक्षक क्षमता का एहसास हुआ, खासकर जब इसे वंचित समुदायों में तैनात किया गया और इसने उन रोगियों में हृदय संबंधी बीमारियों का पता लगाना शुरू कर दिया जिन्हें यह पता भी नहीं था कि वे बीमार हैं।
सिद्धार्थ ने इस अभूतपूर्व तकनीक को आगे बढ़ाने की अपनी प्रेरणा के बारे में कहा, वह क्षण – किसी के भविष्य को सेकंडों में बदलते देखना – ने मुझे एहसास दिलाया कि हम सिर्फ सॉफ्टवेयर नहीं बना रहे थे। हम दूसरा मौका बना रहे थे।

Circadian AI: ध्वनि के माध्यम से रोग का पता लगाना

Circadian AI एक AI-संचालित उपकरण है जो केवल हार्ट की ध्वनियों का उपयोग करके हार्ट रोग का जल्द पता लगाने में मदद कर सकता है। सिद्धार्थ ने समझाया, आप बस एक स्मार्टफोन को रोगी के 5वें इंटरकोस्टल स्पेस (जो लगभग छाती के क्षेत्र में बाएं निप्पल के नीचे होता है) पर रखें व्यक्ति को बैठाएं, और फिर ऐप के माध्यम से हृदय की ध्वनि रिकॉर्ड करें। विश्लेषण पर क्लिक करने के बाद ऐप ध्वनि को तैयार करता है और हार्ट की हेल्थ रिपोर्ट देता है।
Circadian AI का हाल ही में आंध्र प्रदेश के गुंटूर गवर्नमेंट जनरल हॉस्पिटल (GGH) में परीक्षण किया गया। सिद्धार्थ ने अस्पताल में हृदय संबंधी स्थितियों का सटीकता से पता लगाने में ऐप के वास्तविक दुनिया के उपयोग का प्रदर्शन किया। उन्होंने अस्पताल में दो अलग-अलग बिंदुओं पर दो अलग-अलग पायलट अध्ययन किए। पहले में 505 रोगियों की जांच की गई, जिनमें से 10 में हृदय रोग (CVD) का पता चला, जबकि दूसरे अध्ययन में 863 रोगियों की जांच की गई, जिनमें से 16 मामलों में CVD का पता चला।
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जिन रोगियों को Circadian AI द्वारा चिह्नित किया गया था, उन्हें बाद में ECG और 2D इको स्क्रीनिंग के लिए भेजा गया और अंततः एक हृदय रोग विशेषज्ञ द्वारा उनकी समीक्षा की गई। इसी तरह का एक प्रदर्शन GGH विजयवाड़ा में भी आयोजित किया गया, जहाँ 992 लोगों की जांच की गई, जिनमें से 19 में CVD पाया गया।
सिद्धार्थ ने बताया कि एप्लिकेशन के विकास में उन्हें सात महीने लगे जिसमें हृदय ध्वनि के नमूने एकत्र करना AI मॉडल को प्रशिक्षित करना, मोबाइल इंटरफ़ेस बनाना और उच्च सटीकता सुनिश्चित करने के लिए अस्पताल सेटिंग्स में वास्तविक दुनिया के परीक्षण चलाकर नैदानिक ​​मान्यता शामिल थी।
Circadian AI को सार्वजनिक डोमेन में कब उपलब्ध कराया जा सकता है, इस बारे में पूछे जाने पर सिद्धार्थ ने कहा कि यह केवल नैदानिक ​​स्क्रीनिंग के लिए है। उन्होंने स्पष्ट किया यह सार्वजनिक उपयोग के लिए नहीं है… उपकरण को अस्पताल सेटिंग में उपयोग करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।”
सिद्धार्थ के बारे में बात करते हुए, उनके पिता, महेश नंदीयाला ने कहा, हमें पता था कि सिद्धार्थ अलग है जब उसने गैजेट्स को तोड़ने के लिए नहीं बल्कि यह पता लगाने के लिए अलग करना शुरू कर दिया कि वे कैसे काम करते हैं। हमने उसे उपकरण, संसाधन और सबसे महत्वपूर्ण रूप से स्वतंत्रता देकर उसकी जिज्ञासा को प्रोत्साहित किया।

AI और नवाचार : युवा पीढ़ी के लिए संदेश

AI-संचालित स्वास्थ्य समाधान विकसित करते समय युवा नवोन्मेषकों को किन प्रमुख बातों का ध्यान रखना चाहिए, इस बारे में पूछे जाने पर सिद्धार्थ ने कहा कि नैतिकता को केंद्र में रखना होगा। “यह सोचना आवश्यक है कि मॉडल को कैसे प्रशिक्षित किया गया, यह किन आबादी का प्रतिनिधित्व करता है, और क्या आउटपुट डॉक्टर और रोगी दोनों के लिए समझने योग्य है। मॉडल उतना ही अच्छा है जितना कि उसे प्रशिक्षित करने के लिए उपयोग किया गया डेटा ।
सिद्धार्थ ने भविष्यवाणी की कि अगले दशक में, AI-संचालित निदान और भी अधिक व्यक्तिगत और सुलभ हो जाएगा खासकर उन क्षेत्रों में जहां स्वास्थ्य अवसंरचना सीमित है। हम पहले से ही फुफ्फुसीय रोग का पता लगाने के लिए Circadian AI की क्षमताओं का विस्तार करने पर काम कर रहे हैं। श्वसन विश्लेषण और हृदय ध्वनि निदान को एकीकृत करके, हम सेकंडों में अधिक संपूर्ण स्क्रीनिंग अनुभव प्रदान करने की उम्मीद करते हैं।

भविष्य की झलक: AI और Mixed Reality का संगम

सिद्धार्थ का मानना है कि आने वाले दशक में AI आधारित स्वास्थ्य जांच बेहद व्यक्तिगत और सुलभ हो जाएगी। वे अब Circadian AI को फेफड़ों की बीमारी पहचानने में भी सक्षम बनाने पर काम कर रहे हैं। अगर उन्हें STEM शिक्षा में कोई एक भविष्य की तकनीक जोड़नी हो, तो वह होगी—Immersive Mixed Reality + AI Tutors—जो छात्रों को एकदम असली सिस्टम की दुनिया में ले जाकर सीखने का मौका देगी।

टेक्नोलॉजी के बाहर की दुनिया

जब सिद्धार्थ टेक्नोलॉजी में व्यस्त नहीं होते तो वे गोल्फ खेलते हैं जिससे उन्हें मानसिक शांति मिलती है। शतरंज उनका दूसरा शौक है जो उन्हें रणनीतिक सोच और निर्णय लेने की क्षमता सिखाता है।

ए पी जे अब्दुल कलाम से प्रेरणा

सिद्धार्थ के आदर्श वैज्ञानिक और भारत के पूर्व राष्ट्रपति डॉ. ए पी जे अब्दुल कलाम हैं। “उनके विचारों ने मुझे सिखाया कि बड़ा सपना देखना और उसे साकार करने का जज़्बा दोनों ज़रूरी हैं।
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