3 दिन से नहीं खुल रहा पोर्टल:
विभागीय सूत्रों और समितियों की मानें तो खरीदी शुरु होने के पहले दिन से ही ई उपार्जन का पोर्टल नहीं खुल रहा है। ऐसे में समितियां खरीदी नहीं कर सकेंगी। सोमवार से ही पोर्टल बंद है। ऐसे में समितियां खरीदी करेंगी तो पोर्टल पर उसकी इंट्री नहीं हो पाएगी। जिससे बिल जनरेट करने में दिक्कत आएगी। ऐसे में समितियों की माथापच्ची बढ़ जाएगी। किसानों को समय पर भुगतान नहीं हो पाएगा।
आग लगने से व्यवस्था ठप:
प्रशासनिक सूत्रों के अनुसार मूंग खरीदी शुरु नहीं होने के पीछे भोपाल में सोमवार को सतपुड़ा भवन में लगी आग भी एक बड़ा कारण बताया जा रहा है। सूत्रों का कहना है कि आगजनी में एनआईसी के सिस्टम पर भी असर पड़ा है। फिलहाल तकनीकी खामी के कारण वह काम नहीं कर रहा है। अभी जब तक उसकी व्यवस्था सुचारु नहीं होगी,तब तक खरीदी शुरु होना पाना मुशिकल है। सोमवार तक इसके ठीक होेन की उम्मीद जताई जा रही है।
हम्माली की दरों में कमी से समितियां हटी पीछे: सरकार ने इस साल समर्थन मूल्य पर खरीदी के एवज में हम्मालों की दी जाने वाली मजदूरी की दरों में अचानक कटौती कर दी है। इससे खरीदी करने वाली समितियां खुद को घाटे में मानते हुए खरीदी से हाथ खींच रही है। नर्मदापुरम के सिवनी मालवा में समितियों ने लिखित में अफसरों को आवेदन देकर कहा कि वे कटौती के बाद 12 रुपए प्रति क्विंटल के मान से खरीदी में असमर्थ हैं। इधर हरदा में रुपीपरेटिया समिति के मुकेश तिवारी ने बताया कि अभी जनप्रतिनिधियों से बातचीत चल रही है। संगठन ने अभी कोई निर्णय नहीं लिया है। समिति सूत्रों के अनुसार गेहूं खरीदी में हम्माली की दरें 16.76 रुपए थी। हैंडलिंग चार्ज व अन्य खर्च के लिए 12 रुपए प्रति क्विंटल दिए जा रहे थे। अब 12 रुपए क्विंटल हम्माली दर से खरीदी के आदेश जारी हुआ है। इससे समितियों के पास हम्मालों का टोटा हो गया है।
इनका कहना है अभी ई उपार्जन पोर्टल नहीं चलने से खरीदी नहीं हो पा रही है। यह तकनीकी खामी भोपाल स्तर से है।
-वासुदेव भदौरिया,सहायक आयुक्त सहकारिता,हरदा कृषि मंत्री को केवल उदघाटन भूमिपूजन से ही मतलब है। 1 जून से खरीदी शुरु करने की घोषणा की फिर 12 जून नई तारीख तय की। इस दिन केवल उदघाटन किया। आज तक किसी केंद्र पर एक भी दाना नहीं खरीदा गया। जल्द व्यवस्था नहीं सुधरी तो आंदोलन करेंगे।
-मोहन विश्नोई,जिलाध्यक्ष किसान कांग्रेस