ग्वालियर हाईकोर्ट में शुक्रवार को गुना के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. राजकुमार ऋषिश्वर हाजिर हुए। सरल अंग्रेजी नहीं समझने के संबंध में जवाब देने के लिए आए सीएमएचओ से कोर्ट ने पूछा, कौन से माध्यम से पढ़ाई की है! आदेश क्यों नहीं समझा।
सीएमएचओ डॉ. राजकुमार ऋषिश्वर ने जवाब दिया कि पैर में चोट लगी थी। छुट्टी पर था। यह सुनने के बाद कोर्ट ने कहा कि दिमाग में चोट तो नहीं थी! सीएमएचओ ने कहा, नहीं। कोर्ट ने इस मामले में सीएमएचओ को एक अप्रेल तक शपथ-पत्र पर स्पष्टीकरण देने का आदेश दिया है।
दरअसल, स्वास्थ्य विभाग में ब्लॉक एक्सटेंशन एजुकेटर के पद से सेवानिवृत्त हुए बीपी शर्मा ने जूनियर को पदोन्नत करने के मामले को लेकर 2009 में याचिका दायर की थी। याचिका में तर्क दिया कि विभाग में सीनियर थे, लेकिन जूनियर को पदोन्नति दी गई। उनकी अनदेखी की गई।
पदोन्नति का रिकॉर्ड नहीं आया
मामले में हाईकोर्ट ने पदोन्नति का रिकॉर्ड तलब किया था, लेकिन सीएमएचओ ने याचिका की कॉपी ही महाधिवक्ता कार्यालय में भेज दी, जो पहले से थी। पदोन्नति का रिकॉर्ड नहीं आया। इसे लेकर कोर्ट ने सीएमएचओ को तलब कर लिया। बता दें कि प्रदेश में मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी यानि सीएमएचओ का पद स्वास्थ्य विभाग के सबसे अहम पदोें में शुमार है। वे जिले के सबसे बड़े विभागीय अधिकारी होते हैं। सीएमएचओ का पद जिलास्तरीय है लेकिन अनुभवी वरिष्ठ अधिकारियों को ही इस पद पर पदस्थ किया जाता है।