कोर्ट ने डॉ. शर्मा की सेवा पुस्तिका तलब करते हुए कहा, वे सागर में काम करने की बजाए ग्वालियर में क्यों रहना चाहते हैं। कोर्ट ने 16 अप्रेल तक जवाब मांगा है। पशुपालन एवं डेयरी के संचालक डॉ. आरके मोहिया ने प्रतिनियुक्ति पर पुनर्विचार का सुझाव दिया, पर उनकी भी अनदेखी की। जिस मंत्री की बात कही गई, उनका नाम रिकॉर्ड में नहीं आया है। स्वास्थ्य अधिकारी के पद पर एमबीबीएस की ही तैनाती हो सकती है। कोर्ट में पेश सूची के अनुसार निगम के 1244 कर्मियों में 132 ड्राइंग कैडर के हैं, 69 प्रतिनियुक्ति से भरे गए। कोर्ट ने कहा, सिर्फ तृतीय-चतुर्थ श्रेणी कर्मी निगम के हैं शेष प्रतिनियुक्ति से भरे गए।
कोर्ट ने इन सवालों के मांगे जवाब
● नगरीय प्रशासन विभाग के प्रमुख सचिव से पूछा-डॉ. अनुज शर्मा को बिना योग्यता स्वास्थ्य अधिकारी के पद पर क्यों तैनात किया। ● ऐसा लगता है कि डॉ. अनुज ग्वालियर में पशु चिकित्सा अधिकारी के पद पर थे। लाल टिपारा, अन्य गोशाला का प्रभार दिया। ग्वालियर क्यों रहना चाहते हैं। ●
27 मार्च 2025 को झूठा शपथ पत्र क्यों दिया गया। यह क्यों बताया, डॉ. अनुज शर्मा को रिलीव किया है।
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