घंटों बहस हुई, लेकिन अंत में दिल मिल गए
हाईकोर्ट ने दोनों को मिलाने का भरसक प्रयास किया। काउंसलिंग कराई गई। यहां भी दोनों में घंटों बहस चली। दोनों के बीच आरोप-प्रत्यारोप के दौर चलता रहा। इस दौरान पत्नी की बातें सुन पति मुस्कुराने लगा। ये देख पत्नी और नाराज हो गई। इसके बाद सहमति से दोनों तलाक के लिए तैयार हो गए। आवेदन पर दोनों दस्तखत करने ही वाले थे, कि उससे पहले दोनों के दिल मिल गए और दोनों एक साथ रहने का तैयार हो गए।पति ने मानी ऐसी शर्तें
-पति किराए के मकान में रहते हैं। पत्नी को साथ रखेंगे। सास साथ रहेगी।-पति प्लॉट को बंधक नहीं रखेगा। यदि करना पड़ा तो पत्नी की लिखित सहमति लेगा।
-मकान बनाने में लोन की जरूरत तो दोनों संयुक्त रूप से लेंगे।
-संपत्ति में निवेश किया तो दोनों सहभागी होंगे।
-प्लॉट का लोन चुकाने के तीन साल बाद खुद का मकान बनाएंगे।
-हाईकोर्ट में अभी प्रकरण लंबित रखा जाएगा। दोनों हर माह अपनी इच्छा बताएंगे।