दरअसल अक्टूबर व नवंबर में कड़ाके की सर्दी नहीं रही और 20 दिसंबर के बाद तापमान में गिरावट दर्ज हुई। दिसंबर में एक कोल्ड डे रहा, जबकि जनवरी में एक सीवियर कोल्ड डे रहा। इस बार ग्वालियर चंबल संभाग कम ठिठुरा है, जबकि प्रदेश के मध्य हिस्से(MP Weather Update) में सबसे ज्यादा सर्दी रही। इस हिस्से में शीतलहर चली, जबकि ग्वालियर में शीतलहर नहीं चल सकी। न्यूनतम तापमान 4 डिग्री सेल्सियस से नीचे नहीं आ सका। सर्दी के दिन काफी कम रहे। फरवरी में तापमान सामान्य से नीचे नहीं आया।
इस कारण नहीं पड़ी सर्दी
- इस बार का सर्दी का सीजन पश्चिमी विक्षोभ से प्रभावित रहा। हफ्ते में दो पश्चिमी विक्षोभ आए, जिसकी वजह से उत्तरी हवा नहीं चल सकी। दक्षिण पश्चिमी व पूर्वी हवा का प्रभाव रहा। इस वजह से दिन व रात के तापमान में ज्यादा गिरावट नहीं आई। नमी के कारण कोहरा छाया, लेकिन कोहरे के कारण ठंडक नहीं रही।
- फरवरी में भी वैसी ही स्थिति रही। पश्चिमी व दक्षिण से हवा चली। इससे दिन व रात का तापमान सामान्य से ऊपर रहा और फरवरी में सर्दी नहीं पड़ी।