10 से 19 वर्ष के बच्चों को किया था शामिल
पीडियाट्रिक विभाग ने बड़े स्कूलों में जाकर सर्वे किया। जिसमें 10 से 19 साल तक बच्चों का परीक्षण किया। इसमें लड़कियों से ज्यादा लडक़ों में मोटापा हावी था। लड़कियां अपने शरीर के बारे में सोचती है। जबकि लडक़े जंक फूड आदि खाने से परहेज नहीं करते।
10 प्रतिशत बच्चों का वजन ज्यादा और पांच मोटे (Bachchon me motapa)
एक हजार बच्चों के सर्वे में यह बात सामने आई कि 10 प्रतिशत बच्चे अधिक वजन के और पांच मोटापे की श्रेणी में आए थे, जिनमें से पांच फीसदी बच्चों में तो तुरंत हस्तक्षेप करके डाइट चार्ट के आधार पर देखरेख करनी थी। वहीं 10 फीसदी बच्चों में भविष्य में मोटापा न आए। इसके लिए प्रयास शुरू करने थे।
कोरोना के बाद भी पड़ा है असर
कोरोना काल से ही हर किसी की लाइफ स्टाइल पर असर पड़ा है। इसमें खासतौर पर बच्चों की दिनचर्या में अभी भी बदलाव नहीं आया है। स्कूलों में पढ़ने के बाद भी अब बच्चों को मोबाइल और कम्प्यूटर की आदत सी पड़ गई है। बच्चे स्कूल से आने के बाद घंटों किसी न किसी बहाने से मोबाइल, कम्प्यूटर का इस्तेमाल करते हैं। अगर इस समय बच्चे घर के बाहर आउट डोर गेम खेलें तो कुछ हद तक शरीर सही हो सकता है।
इन बातों का रखें ख्याल (Healthy lifestyle tips)
— बच्चों को टीवी, कम्प्यूटर के सामने कम समय बिताने दें। — जंक फूड, प्रोसेस्ड फूड, नमक और चीनी कम से कम खिलाएं। — जॉगिंग, रनिंग, स्विमिंग, योगा, डांस जैसी गतिविधियां करवाएं। — शीतल पेय, स्पोर्ट्स ड्रिंक की जगह ज्यादा से ज्यादा पानी पीने दें। — बच्चों को बाहर खेलने के लिए भेजें।
सेहत का रखें ख्याल
दिनचर्या में आए बदलाव के चलते बच्चे सेहत का ख्याल नहीं रख रहे। यही कारण है कि बच्चों में मोटापा और वजन बढ़ रहा है। इसके लिए माता पिता को भी प्रयास करना चाहिए कि ज्यादा से ज्यादा बच्चों का ख्याल रखें और घर से निकलकर पैदल चलने के साथ खेलकूद की तरफ भी प्रेरित करें। वहीं जंक फूड खाने से बचें और घर का बना खाना ही खाएं।