दुकानदारों में दहशत
घटना को लेकर दूसरे दिन रविवार को शहर के दुकानदारों में दहशत देखी गई। जिसके चलते दोपहर तक अधिकांश दुकानें नहीं खुली। जिसके बाद पुलिस ने मुय बाजार सहित घटना स्थल के आसपास लैग मार्च निकालकर आमजन और दुकानदारों को शांति का भरोसा दिलाया। इसके बाद ही दुकानें खोली जा सकी। उधर धार्मिक स्थल सहित आसपास की गली में पुलिस तैनात रही। यही नहीं कोतवाली टीआई दल बल के साथ पूरे समय धार्मिक स्थल की गली में पैदल घूमकर निगरानी करते रहे।
20 अज्ञात पर मामला दर्ज
पुलिस ने पार्षद ओमप्रकाश कुशवाह उर्फ गब्बर की शिकायत पर 5 नामजद सहित 20 अज्ञात लोगों को आरोपी बनाया गया है। जिन पर हत्या के प्रयास, मारपीट, तोड़फोड़, बलवा की धाराओं में मामला दर्ज किया गया है। पुलिस का कहना है कि पार्षद ने अपनी शिकायत में घटना स्थल पर गोली चलने की बात भी बताई है। घटना के अगले दिन रविवार को फरियादी ओमप्रकाश ने एफआइआर में आरोपियों के नाम बढ़ाए जाने के लिए एक आवेदन दिया है।
जुलूस निकालने की अनुमति को लेकर 2 मत
एसपी ने कहा है कि हनुमान जन्मोत्सव पर निकाले जा रहे जुलूस की अनुमति नहीं ली गई थी। मैंने इसकी जानकारी एसडीएम से ली है। इस बयान के बाद लोगों ने सोशल मीडिया पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए प्रशासन से सवाल पूछा है कि इस घटना के लिए जिमेदार कौन है। यही नहीं जुलूस निकालने वाले आयोजकों ने एक पत्र भी सोशल मीडिया पर डाला, जिसमें 7 अप्रेल को एसडीएम से जुलूस निकालने की अनुमति मांगी गई थी। ऐसे में बड़ा सवाल है कि अनुमति नहीं दी तो फिर आयोजकों को जुलूस निकालने से रोकने संबंधी कोई आदेश जारी क्यों नहीं किया। वहीं जुलूस के साथ कुछ पुलिसकर्मी जरूर तैनात कर दिए गए। यह भी पढ़े –
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राजकिशोर, बंटी कुशवाह, अभिषेक धाकड़, विशाल अनोटिया, अनुल अनोटिया, अभिषेक कुशवाह, सुग्रीव सेन, अकुल कुशवाह, पवन कुशवाह।
इन 9 आरोपियों को पकड़ा
शकील, शाहिल, अतीक, विक्की, समीर, सोहेल, अनश, शौहराब, तोहीद। 23 सेकंड का पहला वीडियो
वायरल दो वीडियो ऐसे हैं जो गवाही दे रहे हैं कि असल में हुआ क्या था। पहला वीडियो 23 सेकंड का है, जो जुलूस के धार्मिक स्थल के सामने से निकलने के ठीक पहले का है। इसमें कुछ पुलिसकर्मी और मुंह पर कपड़ा बांधे कुछ लोग नजर आ रहे हैं, जो धार्मिक स्थल में जमा लोगों को जुलूस के आने के पहले ही दरवाजे पर रोकने का प्रयास कर रहे हैं। लेकिन गेट पर जमा भीड़ जुलूस आते देख आक्रामक होकर नारेबाजी शुरू कर देती है।
2 मिनट 24 सेकंड का दूसरा वीडियो
जुलूस निकलता दिख रहा है। जुलूस में शामिल ट्रैक्टर भी निकल जाता है। 1 मिनट 45 सेकंड के बाद धार्मिक स्थल के गेट पर जमा भीड़ से निकला धारीदार शर्ट पहने एक युवक हाथ में बेल्ट लेकर पुलिसकर्मियों को धक्का देते हुए दौड़ता नजर आता है। जो जुलूस के आखिरी में आ रहे हनुमान बने पात्र पर बेल्ट मारता दिखाई देता है। यहीं से विवाद की शुरुआत होती है। जुलूस पर पथराव और तोड़फोड़ शुरू हो जाती है। गुना विधायक पन्नालाल शाक्य का कहना है कि हनुमान जयंती के जुलूस में हुई पत्थरबाजी की घटना अत्यंत निंदनीय है। स्थिति पूरी तरह से नियंत्रण में है। किस भी प्रकार से घबराए नहीं। मैंने प्रशासन को बता दिया है कि कोई भी दोषी बशा नहीं जाना चाहिए। सभी दोषियों के खिलाफ सत कार्रवाई की जाए।