नायब तहसीलदार की कुर्सी भी पिछले तीन माह से खाली
राजिम में जिले के बड़े जमीन सौदे होते हैं। इस लिहाज से यह गरियाबंद की महत्वपूर्ण तहसील है। फिर भी जिले के अफसर यहां व्यवस्था सुधारने को लेकर बिलकुल भी गंभीर नहीं हैं। नमूना नायब तहसीलदार का ही ले लीजिए। राजिम में यह पद चुनाव के पहले तकरीबन 3 महीनों से खाली है। तहसीलदार की गैर मौजूदगी में कम से कम नायब तहसीलदार लोगों के काम निपटाते। प्रशासन ने इस पद पर अब तक किसी की नियुक्ति ही नहीं की है। सामने एक बाबू की कुर्सी लगती है इसलिए कार्यालय का ताला खुल जाता है। बाकी नायब तहसीलदार का बोर्ड देखकर यहां आने वालों को हताश होकर ही लौटना पड़ता है।
तहसीलदार मार्क करेंगे, तब नकल मिलेगा। तहसीलदार तो मिलती नहीं। नायब तहसीलदार का कोर्ट भी महीनों से खाली है। चुनाव तक अधिकारी नहीं बैठते थे, समझ आता था। चुनाव के बाद भी अधिकारी तहसील में नहीं बैठते, ये तो हद हो गई। भरी गर्मी दूर-दूर से जरूरी दस्तावेज बनवाने के लिए आने वाले लोगों को हफ्तों तहसील के चक्कर काटने पड़ रहे हैं। गरियाबंद कलेक्टर को हमने कई दफे समस्या से अवगत कराया। एसडीएम से भी अपनी बात रखी। न तहसील के कामकाज में सुधार आया। न कोई कार्रवाई हुई। लगता नहीं कि प्रशासन राजिम को लेकर जरा भी गंभीर है।
टीकम राम साहू, अध्यक्ष, अधिवक्ता संघ