IPL Online Satta: सट्टा कारोबार गली-मोहल्लों तक
सीबीआई जांच के दायरे में आए महादेव ऐप के अलावा रेड्डी अन्ना और गजानंद जैसे कई और ऐप भी मार्केट में आ चुके हैं। ऐसे पहले चिन्हित जगहों पर चलने वाला सट्टा कारोबार अब गली-मोहल्लों तक फैल चुका है। सारे दांव मोबाइल पर लग रहे हैं और पुलिस यूं ही किसी के हाथ से मोबाइल नहीं छीन सकती। यही वो कारण है, जिसके चलते सटोरिए आईपीएल में बेखौफ सट्टा लगाकर मौज कर रहे हैं। शहर के अलावा गांवों में भी लोग सोशल प्लेटफॉर्म के जरिए आईडी ले रहे हैं। यह प्लेटफॉर्म लोगों को वॉट्सऐप पर आईडी बनाने का लिंक भेजता है। फिर लोग लिंक में पैसे डिपॉलिट कर दांव लगाते हैं। आईडी का उपयोग करने वाले कुछ लोगों से पत्रिका ने बात की, तो उन्होंने बताया कि इस प्लेटफॉर्म की आईडी बेहद सेफ है। जब आईडी में पैसे बढ़ जाते हैं तो लोग वॉट्सऐप से ही पैसे विड्रॉल करने की डिमांड करते है। इसमें शहर से गांव तक हजारों की संख्या में लोग जुड़े हैं। हर दिन मैच शुरू होने से पहले ही आईडी एक्टिव हो जाती है।
गरियाबंद एएसपी जितेंद्र चंद्राकर ने बताया कि आईपीएल शुरू होने से पहले ही मुखबिरों को सक्रिय कर दिया था। जैसे ही कोई इनपुट मिलता है, कार्रवाई करेंगे।
‘गजानंद’ के सटोरिए से 5 पासबुक और 8 चेकबुक जब्त
पुलिस ने गजानंद ऐप के जरिए आईपीएल सट्टा खिलाने के मामले में 20 साल के आरोपी हर्ष पंजवानी को गिरतार किया है। उसके पास से 4 मोबाइल फोन, 3,400 रुपए मिले। 5 बैंक पासबुक, 8 चेकबुक, 8 एटीएम और हिसाब-किताब वाली 6 डायरी भी जब्त की गई है। बताते हैं कि साइबर टीम ने आरोपी को घर में दबिश देकर रंगेहाथों पकड़ा। धारा 4(क), जुआ प्रतिषेध अधिनियम के तहत कार्रवाई की गई। उसे रिमांड के लिए न्यायालय में पेश किया गया है। तिल्दा-नेवरा के टीआई सत्येंद्र सिंह श्याम ने बताया कि क्राइम वाले आए थे। उन्होंने ही कार्रवाई की है। आगे जांच जारी है। मैं ड्यूटी पर रायपुर में था। सीएसपी वीरेंद्र चतुर्वेदी ने कहा कि क्राइम ब्रांच वालों ने कार्रवाई की है। उन्होंने ही पूछताछ भी की है। मैं वीआईपी ड्यूटी में था। क्राइम ब्रांच वालों से चर्चा करता हूं। यह जांच का विषय है।