scriptNew Method Of Postmortem:अब चीर-फाड़ बगैर होगा शवों का पोस्टमार्टम, नई तकनीक विकसित | New Method Of Postmortem: Now postmortem of dead bodies will be done without dissection, new technology developed | Patrika News
देहरादून

New Method Of Postmortem:अब चीर-फाड़ बगैर होगा शवों का पोस्टमार्टम, नई तकनीक विकसित

New Method Of Postmortem:शवों का पोस्टमार्टम अब चीर-फाड़ बगैर ही हो सकेगा। ऋषिकेश एम्स के विशेषज्ञों ने इसके लिए नई तकनीक विकसित कर ली है। ये नई तकनीक पारंपरिक विधि से ज्यादा सटीक होगी।

देहरादूनApr 20, 2025 / 06:24 pm

Naveen Bhatt

Rishikesh AIIMS experts have developed a technique for postmortem of dead bodies without dissection

प्रतीकात्मक फोटो

New Method Of Postmortem:बगैर चीर-फाड़ के ही अब शवों का पोस्टमार्टम हो सकेगा। उत्तराखंड के ऋषिकेश एम्स के विशेषज्ञों ने पोस्टमार्टम की नई तकनीक विकसित कर ली है। पारंपरिक विधि के अनुसार पोस्टमार्टम के लिए मृत व्यक्ति के शव को गले से पेट तक चीरना पड़ता था। इसके अलावा सिर के हिस्से में भी काफी चीर-फाड़ करनी पड़ती है। यहां तक की यौन अपराधों के मामलों में मृतक के प्राइवेट पार्ट को भी काटना पड़ता था। पोस्टमार्टम के बाद चीर-फाड़ किए गए हिस्से पर बड़े-बड़े टांके लगा दिए जाते हैं। चीर-फाड़ के कारण मृतकों के परिजनों की भावनाएं बेहद आहत होती हैं। इसी को देखते हुए कई लोग मृतकों के शवों का पोस्टमार्टम करवाने से भी हिचकते हैं। इसी को देखते हुए ऋषिकेश एम्स ने पोस्टमार्टम की नई तकनीक विकसित कर ली है। अब लेप्रोस्कोपी, एंडोस्कोपी और सीटी स्कैन के संयुक्त मित्रण से शवों का सटीक पोस्टमार्टम किया जाएगा। इस विधि से पोस्टमार्टम के लिए शवों की चीर-फाड़ नहीं करनी होगी।

इसलिए विकसित की नई तकनीक

नई तकनीक के इस पोस्टमार्टम को विशेषज्ञों ने मिनिमली इनवेसिव ऑटोप्सी नाम दिया गया है। एम्स के फॉरेंसिक मेडिसिन विभाग के डॉ. आशीष के मुताबिक काफी समय से इस पर प्रयोग चल रहा था। कोशिश की जा रही थी कि कम चीर-फाड़ बगैर ही पोस्टमार्टम किया जाए। बताया कि कई चिकित्सा संस्थानों में सीटी स्कैन के माध्यम से पोस्टमार्टम किया जा रहा है। हालांकि कुछ मामलों में सीटी स्कैनर के बावजूद भी अंदरूनी जांच, विसरा और बायोप्सी के लिए चीर-फाड़ करनी पड़ती है। ऐसे में विचार आया कि सीटी स्कैन के साथ लेप्रोस्कोपी और एंडोस्कोपी के माध्यम से पोस्टमार्टम कर सकते हैं।
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जानें क्या है मिनिमली इनवेसिव ऑटोप्सी

ऋषिकेश एम्स के डॉ. आशिष भूते के मुताबिक तकनीक में सीटी स्कैन करने के बाद शव के आंतरिक अंगों की जांच के लिए मृतक के शव पर कुछ जगहों पर करीब दो-दो सेंटीमीटर के छिद्र किए जाते हैं। इन छेदों से लेप्रोस्कोपिक या एंडोस्कोपिक दूरबीन डाली जाती है। पेट के अंदर के अंगों का परीक्षण कर सकते हैं। एंडोस्कोपी से अंगों की कैविटी को देखा जा सकता है। यौन संबंधी मामलों में गुप्तांगों के भीतर देखा जा सकता है। पूर्व में इन अंगों के भीतरी भाग को देखने के लिए इन्हें काटना पड़ता था।

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