संवदेक ने दौसा की ओर से काम की शुरुआत करते हुए विद्युत लाइन के पोल खड़ा करने के लिए फाउण्डेशन भी तैयार करना शुरू कर दिया, यह कार्य दौसा से शुरू होकर बनियान व नांगल राजावतान होते ही सलेमपुरा तक जा पहुंचा है। प्रतिदिन मजूदर फाउण्डेशन का कार्य करने में जुटे हैं। ट्रेक पर फाउण्डेशन का काम पूरा होने के बाद उन पर पोल खड़ा करते हुए विद्युत लाइन खींचने का काम शुरू होगा। गौरतलब है कि दौसा-गंगापुर रेल परियोजना को वर्ष 1996-97 में स्वीकृति मिली थी, लेकिन इस परियोजना के कार्य को पूरा होने में ढाई दशक से अधिक का समय लग गया और गत वर्ष 16 मार्च को लोकसभा चुनावों के लिए आचार संहिता लागू होने से कुछ ही घंटे पहले रेलवे ने दौसा से गंगापुर के बीच पहली सवारी गाड़ी का संचालन शुरू किया था।
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नया रूट मिलेगा
इस रेलवे ट्रेक का विद्युतीकरण नहीं होने से फिलहाल उत्तर भारत के हरियाणा, राजस्थान एवं पंजाब से कई ट्रेन हिसार, रेवाड़ी, अलवर व जयपुर से होकर सवाई माधोपुर पहुंच रही हैं। विद्युतीकरण पूरा होने के बाद इन ट्रेनों को सीधा दौसा, लालसोट व गंगापुर सिटी से सवाईमाधोपुर की ओर निकाला जाएगा। इसके अलावा कोटा, इंदौर, भोपाल, नागपुर एवं दक्षिण भारत के बीच संचालित होने वाले कई ट्रेनों को भी यहां से निकाल सकता है। इससे जयपुर जैसे व्यस्त रेलवे स्टेशन पर भी ट्रेनों का दबाव कम होगा।
डिडवाना में बनेगा टीएसएस
दौसा-गंगापुर रेलवे ट्रेक पर एक टीएसएस (टे्रक्शन सबस्टेशन) डिडवाना में बनेगा। जहां से इस पूरे ट्रेक को विद्युत आपूर्ति की जाएगी। टीएसएस के लिए रेलवे के अधिकारी भी डिडवाना पहुंचकर भूमि देख चुके हैं और शीघ्र काम शुरू किया जाएगा। यह भी पढ़ें
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इनका कहना है…
दौसा-गंगापुर रेलवे ट्रेक के विद्युतीकरण का टेंडर अवार्ड होकर कार्य शुरू हो गया है। प्रोजेक्ट की लंबाई 94 रूट किलोमीटर और लागत 143 करोड़ रुपए है। यह कार्य वर्ष 25-26 मे पूर्ण होगा। एक ही कंपनी को यह कार्य दिया गया है।- कैप्टन शशिकिरण, मुख्य जनसपर्क अधिकारी, उत्तर पश्चिम रेलवे