समिति में यह थे डॉक्टर
क्लीनिकल एस्टेब्लिस्मेंट एक्ट का एक दल गठित किया गया था। इसमें नोडल डॉ. रीता चटर्जी हैं। वहीं, अन्य सदस्यों में डॉ. गौरव जैन और डॉ. चंद्रशेखर पांडेय हैं। पिछले साल जब मिशन अस्पताल में कैथलैब का पंजीयन हुआ। उस दौरान यह तीनों डॉक्टर्स समिति में शामिल थे। हैरानी की बात यह है कि पंजीयन की प्रक्रिया के दौरान डॉ. अखिलेश दुबे के नाम पर पंजीयन हो रहा था। दल ने यह बात संबंधित कार्डियोलॉजिस्ट से पूछना भी उचित नहीं समझी।
विजिटर डॉक्टरों की सूची में नाम है डॉ. दुबे का
मिशन अस्पताल में विजिटर डॉक्टरों की लिस्ट भी चस्पा है, जिसमें विजिटर के रूप में डॉ. अखिलेश दुबे का नाम आज भी लिखा हुआ है। जबकि यदि कैथलैब उनके नाम पर संचालित होता तो विजिटर के रूप में उनका नाम नहीं लिखा होता। समिति ने मामले में पड़ताल किए बिना ही पंजीयन का सही ठहरा दिया, जो बड़ी लापरवाही की ओर इशारा कर रहा है। मैंने अपना जवाब आयोग को दे दिया। मैं उसके अतिरिक्त कुछ भी नहीं बता पाउंगा। आप सीएमएचओ से बात कर सकते हैं। डॉ. अखिलेश दुबे, डीएम कार्डियोलॉजिस्ट जबलपुर हम सभी पहलुओं पर जांच कर रहे हैं। आपने अवगत कराया है। जांच दल से भी इस विषय में बात करेंगे। उन्हें नोटिस दिया जाएगा।
डॉ. मुकेश जैन, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी