चौकीदार किया नियुक्त
वहीं, सुरक्षा के लिए एक चौकीदार नियुक्त किया है। इधर आरोपी डॉक्टर ने जेल में पहले दिन ही वीआइपी डिमांड कर डाली। उसे जिस बैरक में रखा गया है उसमें पहले से 45 बंदी हैं। आरोपी ने जेल में अपने को बीमारी का हवाला देते हुए अलग से अस्पताल में रखने के साथ एसी की सुविधा मुहैया कराने की बात कही है। हालांकि जेल प्रबंधन से उसकी कोई मांग नहीं मानी।
अस्पताल का स्टाफ परेशान
इधर, प्रबंधन की घोर लापरवाही के कारण यहां काम करने वाला स्टाफ परेशान हो रहा है। वेतन न मिलने से कर्मचारी खासे नाराज हैं। वहीं, अब उन्हें नौकरी से हटाए जाने का डर भी सता रहा है। बता दें कि मिशन अस्पताल में १३० बेड हैं। यह शहर का प्रमुख अस्पताल माना जाता है। अस्पताल बंद होने से मरीजों की परेशानी बढ़ गई है।
खाने को छुआ तक नहीं है, पूरी रात जागकर काटी
डॉ. यादव ने जेल की बैरक में जागकर रात काटी। बताया जाता है कि उसे जो खाना दिया गया था, उसने उसे छुआ तक नहीं। रात भर मच्छरों के कारण भी उसे नींद नहीं आई। उसे हिदायद दी गई है कि यहां पर जेल के नियमों के अनुरूप ही रहना होगा। बता दें कि २०१३ के बाद देश के अलग-अलग जगहों पर फर्जी डिग्री के सहारे मरीजों का इलाज करने वाला डॉ. यादव पहली बार जेल गया है।
आरोपी नहीं पकड़े गए
मिशन अस्पताल के संचालक डॉ. अजय लाल पत्नी इंदु लाल और फर्जी कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. नरेंद्र यादव सहित १० लोगों के खिलाफ एफआइआर दर्ज हुई है। इस मामले में अभी तक सिर्फ डॉ. यादव ही पुलिस के हत्थे चढ़ा है। अन्य सभी आरोपी फरार चल रहे हैं। पुलिस का कहना है कि आरोपियों की तलाश जारी है, जल्द गिरफ्तारी करेंगे। मिशन अस्पताल प्रबंधन ने रिन्यूअल के लिए फिलहाल कोई आवेदन नहीं किया है। अस्पताल बंद करने के संबंध में पत्र मिला है। डॉ. राजेश नामदेव, प्रभारी सीएमएचओ