दमोह कांड से प्रदेश राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियों में आ गया है। हालांकि जिला प्रशासन ने 7 मृतकों के नाम पर चुप्पी साध ली थी। मृत 7 मरीजों में से दो के परिजनों ने अपना दर्द साझा किया। पुराना बाजार-2 की रहीसा बेगम के बेटे ने कहा, मां ने ओटी टेबल पर ही दम तोड़ दिया था। इस केस में राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग भी सक्रिय है।
मामला सामने आने के बाद सीएमएचओ डॉ. मुकेश जैन का कहना था कि अस्पताल प्रबंधन को नोटिस दिया गया है। मामले की जांच चल रही है। कलेक्टर सुधीर कुमार कोचर ने बताया कि जांच के बाद सख्त कार्रवाई की जाएगी। किसी को नहीं बख्शेंगे।
लंदन के कॉर्डियोलॉजिस्ट के नाम पर बना डॉ. एनकेम जॉन
बताया जा रहा है कि लंदन में डॉ. जॉन एन. केम कार्डियोलॉजिस्ट हैं। आरोपी नरेंद्र यादव ने उनके नाम में उलटफेर कर अपना नाम डॉ. एनकेम जॉन बताया। वह दावा करता था कि वही लंदन का मशहूर कार्डियोलॉजिस्ट है।
अस्पताल में नियुक्ति से जांच तक धोखाधड़ी
आरोपी नरेंद्र की अस्पताल प्रबंधन ने सीधे नियुक्ति नहीं की थी। उसे एजेंसी के जरिए हायर किया गया था। अस्पताल में दिए दस्तावेजों में भी उसका नाम एन. जॉन केम लिखा है। प्रबंधन ने बिना दस्तावेज की जांच के ही उसे नौकरी पर रखा।
प्रयागराज से गिरफ़्तार किया
केस सामने आते ही फर्जी डॉक्टर नरेंद्र दमोह से भाग गया। हालांकि पुलिस उसके पीछे लग चुकी थी। पुलिस ने उसे पकड़ लिया है। आरोपी को प्रयागराज से गिरफ़्तार किया गया है। दमोह एसपी श्रुति सोमवंशी ने फर्जी डॉक्टर नरेंद्र की गिरफ़्तारी की पुष्टि की है।