हेलिकॉप्टर शॉट को लोकप्रिय बनाने का श्रेय भारत के पूर्व कप्तान महेंद्र सिंह धोनी को दिया जाता है। धोनी ने इस शॉट को अपनी पहचान बनाया और इसे अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रसिद्धि दिलाई। उनकी यह खास तकनीक यॉर्कर गेंदों को न सिर्फ रोकने, बल्कि उन्हें मैदान के बाहर भेजने में सक्षम थी। हालांकि, कई क्रिकेट विशेषज्ञों और प्रशंसकों का मानना है कि इस शॉट की शुरुआत धोनी से पहले हुई थी। कुछ लोगों का दावा है कि इस शॉट को सबसे पहले सचिन तेंदुलकर ने 2002 में खेला था। सचिन ने उस समय अपने बल्ले को हल्के से घुमाते हुए एक शॉट खेला था, जो हेलिकॉप्टर शॉट का प्रारंभिक रूप माना जा सकता है।
हेलिकॉप्टर शॉट खेलने वाला पहले बल्लेबाज
इसी चर्चा में आईपीएल 2025 के दौरान सहवाग भी शामिल हुए और उन्होंने बड़ा खुलासा किया। उन्होंने कहा कि धोनी ने सबसे पहले हेलिकॉप्टर शॉट नहीं खेला था। सहवाग ने बताया कि मोहम्मद अजहरूद्दीन ने इस शॉट को सबसे पहले खेला था। उन्होंने अपर कट को लेकर भी बड़ा खुलासा किया और बताया कि न सचिन और न ही मैंने, विवियन रिचर्ड्स ने इस शॉट को सबसे पहले खेला था। हालांकि ये सच जरूर है कि धोनी ने इसे अपनी शैली में ढालकर हेलिकॉप्टर शॉट को एक ब्रांड बना दिया। धोनी का हेलिकॉप्टर शॉट पहली बार तब सुर्खियों में आया, जब उन्होंने 2000 के दशक में घरेलू क्रिकेट और फिर अंतरराष्ट्रीय मैचों में इसका इस्तेमाल शुरू किया। उनकी कलाई की ताकत और टाइमिंग ने इस शॉट को इतना प्रभावी बनाया कि गेंदबाजों के लिए यह एक चुनौती बन गया। धोनी ने इस शॉट को खासतौर पर यॉर्कर और फुल लेंथ गेंदों के खिलाफ इस्तेमाल किया, जिससे वे न सिर्फ रन बना सके, बल्कि दबाव के क्षणों में टीम को जीत की ओर ले जा सके।
हेलिकॉप्टर शॉट क्या है?
हेलिकॉप्टर शॉट एक ऐसा क्रिकेटिंग स्ट्रोक है जिसमें बल्लेबाज गेंद को लास्ट मोमेंट में अपने कलाई के ज़बरदस्त इस्तेमाल से घुमाते हुए लॉन्ग-ऑन या मिड-विकेट की दिशा में भेजता है। यह शॉट खासतौर पर यॉर्कर गेंदों को बाउंड्री के पार भेजने के लिए उपयोग किया जाता है। इस शॉट में बल्लेबाज का बैट और फॉलो-थ्रू हवा में हेलिकॉप्टर के ब्लेड की तरह घूमता है, इसलिए इसे “हेलिकॉप्टर शॉट” कहा जाता है।