जडेजा को कामिंदु मेंडिस ने किया चलता
सीएसके के सभी बल्लेबाज जहां मोहम्मद शमी, पैट कमिंस, हर्षल पटेल और जयदेव उनादकट की गेंदों पर आउट हो रहे थे, वहीं जडेजा को कामिंदु मेंडिस ने चलता किया। हालांकि जडेजा पूरी तरह फ्लॉप नहीं रहे, क्योंकि उन्होंने पवेलियन लौटने से पहले 17 गेंदों पर 21 रनों की पारी खेली, जिसमें एक चौका और एक छक्का भी शामिल है।
स्पिन के खिलाफ महज 21.22 का औसत
जडेजा स्पिन के खिलाफ कितना संघर्ष कर रहे हैं, यह आईपीएल 2018 के बाद से उनके प्रदर्शन के जरिए समझा जा सकता है। जडेजा ने इस अवधि में स्पिनरों के खिलाफ शुरुआती 10 गेंदों पर केवल 88.01 के स्ट्राइक रेट से रन बनाए हैं। इस दौरान उन्होंने 53 पारियां खेली हैं और वह 9 बार स्पिन के खिलाफ आउट हुए हैं। स्पिन के खिलाफ उनका औसत भी केवल 21.22 का रहा है। बाएं हाथ की चाइनामैन बॉलिंग के खिलाफ भी खराब प्रदर्शन
जडेजा का खासकर ऑफ स्पिन और बाएं हाथ की चाइनामैन बॉलिंग के खिलाफ उनका प्रदर्शन और भी कमजोर है, जिसके खिलाफ उनका औसत क्रमशः 13.75 और 17.00 का ही रहा है। ऑफ ब्रेक के खिलाफ तो जडेजा का स्ट्राइक रेट भी केवल 78.57 का रहा है। ऑफ स्पिन गेंदबाज आमतौर पर बाएं हाथ के बल्लेबाजों को तंग करते रहे हैं। वहीं, लेग स्पिन गेंदबाजी आमतौर पर बाएं हाथ के बल्लेबाजों को पसंद आती है। जडेजा ने आईपीएल 2018 के बाद से इस बॉलिंग के खिलाफ 39 पारियों में 32.50 की औसत से रन बनाए हैं, लेकिन स्ट्राइक रेट 101.56 का ही रहा है, जो टी20 मानकों से कमतर है।
सीएसके के प्रदर्शन पर भी पड़ा असर
सबसे दिलचस्प बात ये है कि स्पिन खेलने के खिलाफ संघर्ष न केवल जडेजा को प्रभावित कर रहा है, बल्कि इसका असर उनकी आईपीएल टीम चेन्नई सुपर किंग्स के प्रदर्शन पर भी पड़ रहा है। एक समय स्पिन की सबसे दमदार टीम मानी जाने वाली सीएसके पिछले दो आईपीएल सीजन में स्पिन के खिलाफ सबसे कमजोर प्रदर्शन करने वाली टीम रही है। आईपीएल 2018 से अब तक के आंकड़ों की बात करें तो खुद महेंद्र सिंह धोनी स्पिनरों के सामने बहुत सहज नहीं रहे हैं। धोनी ने इस अवधि में खेली गई 57 पारियों में स्पिनरों के खिलाफ शुरुआती 10 गेंदों पर केवल 88 की स्ट्राइक रेट से बैटिंग की है।