पूर्व क्रिकेटर ने पहचानी काबिलियत
प्रियांश दिल्ली के रहने वाले हैं और दिल्ली की टीम के लिए खेलते हैं। सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी में अच्छा प्रदर्शन करने के बावजूद दिल्ली टीम के चयनकर्ता उनसे बहुत अधिक प्रभावित नहीं थे। उन्होंने प्रियांश को रणजी टीम में जगह नहीं दी। ऐसे में पूर्व बल्लेबाज और चयनकर्ता देवांग गांधी ने प्रियांश की काबिलियत पहचानी।
इस तरह मिला आइपीएल में मौका
देवांग गांधी ने कहा, दिल्ली के चयनकर्ताओं को लगता था कि प्रियांश लाल गेंद से रन नहीं बना सकता। उनके इस नजरिए से प्रियांश निराश था, लेकिन मुझे उसके अंदर काफी प्रतिभा दिखी। मैं उसे दिल्ली कैपिटल्स के डायरेक्टर सौरव गांगुली के पास ले गया। गांगुली को उसकी बल्लेबाजी अच्छी लगी और उन्होंने नीलामी में दांव लगाने का फैसला किया।
लेकिन रिकी पोंटिंग ने मार ली बाजी
प्रियांश ने पंजाब किंग्स टीम में ट्रायल दिया और उनकी बल्लेबाजी से मुख्य कोच रिकी पोंटिंग काफी प्रभावित हुए। आइपीएल नीलामी में पंजाब और दिल्ली के बीच प्रियांश को लेने के लिए बोली लगी, लेकिन आखिर में बाजी पंजाब किंग्स टीम ने मार ली।
जहां सीखे गौतम गंभीर, वहीं से ली ट्रेनिंग
प्रियांश दिल्ली में अशोक विहार के रहने वाले हैं और उनके पिता सरकारी स्कूल में टीचर है। उन्होंने 10 साल की उम्र में संजय भारद्वाज की अकादमी में कोचिंग लेना शुरू किया। इस अकादमी से गौतम गंभीर, नीतीश राणा और स्पिनर अमित मिश्रा जैसे दिग्गज खिलाड़ी निकले हैं। कोच संजय भार्दवाज ने कहा, शतक लगाने के बाद प्रियांश का मेरे पास फोन आया था। मैंने कहा, आज क्या हो गया था, तो उसने हंसते हुए कहा, कुछ नहीं सर, जो हुआ वो ईश्वर की मर्जी से हुआ।