मंधाना ने कहा, इस खेल ने मुझे बहुत कुछ दिया है और अब मैं अपना अनुभव युवाओं के साथ बांटना चाहती हैं। हमारी योजना भविष्य में भारत में भी इस तरह की अकादमी खोलना है, जहां युवा खिलाड़ी अपने खेल को निखार सकें।
पिछले कुछ सालों में कई नई लड़कियां भारतीय टीम में आई हैं। मेरा मानना है कि इन युवा खिलाडिय़ों में काफी दमखम है और इनके आने से भारतीय टीम भी काफी मजबूत हुई है।
महिला प्रीमियर लीग ने भारत में महिला क्रिकेट को बदलने में अहम भूमिका निभाई है। इसमें बीसीसीआइ की अहम भूमिका रही है। डब्ल्यूपीएल से नई प्रतिभाएं निकली हैं और युवा लड़कियों को खेलने के काफी मौके भी मिले हैं। ये लीग गेम चेंजर साबित हो रही है।
मंधाना ने कहा कि आज के दौर में खिलाडिय़ोंं के लिए जरूरी है कि वह मेंटल हेल्थ के प्रति ज्यादा सतर्क रहें। उन्होंने कहा, मैं समय-समय पर खेल मनोवैज्ञानिकों से बात करके सलाह लेती रहती हूं। मेरा मानना है कि मैदान पर उतरने से पहले ही खिलाडिय़ोंं को इसके लिए तैयारी करनी चाहिए, ताकि मैदान पर दबाव का सामना करने में मदद मिल सके।
भारतीय बल्लेबाज ने कहा, आज के दौर में क्रिकेट खेलने के तरीके में काफी बदलाव आया है। यह सही है कि अब टी-20 प्रारूप का दौर है लेकिन मेरा हमेशा से यही मानना रहा है कि युवा खिलाडिय़ों को अपनी बल्लेबाजी में आक्रामकता के साथ डिफेंस भी मजबूत करना चाहिए। ये अच्छी बात है कि आज की युवा खिलाड़ी खेल के प्रति सोच को लेकर बेहद सकारात्मक हैं।