कब हाथ खींच लेंपता नहीं
शिक्षा विभाग की ओर से सभी मदों के लिए जारी राशि की स्वीकृति तो लगभग जुलाई अगस्त में ही जारी कर दी जाती है पर वित्तीय स्वीकृतियां जारी करने की कोई समय सीमा नहीं है। बिना वित्तीय स्वीकृति के कार्य करवाना संभव नहीं है और विभाग का यह दबाव रहता है कि गतिविधियां तो करनी ही है। भुगतान बाद में होता रहेगा। सरकार कब स्वीकृत राशि वापय ले ले। इसका भी कोई भरोसा नहीं।80 हजार स्वीकृत, मिले सिर्फ 33 हजार रुपए
राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद की ओर से मई में प्रति संकुल संदर्भ केन्द्र के हिसाब से 80 हजार रुपए की प्रशासनिक स्वीकृति जारी की थी। राज्य स्तर पर 10259 पीईईओ विद्यालय के लिए 82 करोड़ रुपए से ज्यादा का प्रावधान किया था। अब तक इसमें से मात्र 33 हजार 300 यानी 40 फीसदी राशि ही जारी की गई है।उधारी से चल रहा काम
स्कूल कम्पोजिट ग्रांट विद्यालय के आवश्यक कार्यों के लिए उपयोग में ली जाने वाली राशि है। जिससे सालभर विद्यालय की गतिविधियां संचालित होती हैं। नामांकन के आधार पर यह राशि दस हजार से एक लाख रुपए तक प्रति विद्यालय होती है। राज्य के प्राथमिक शिक्षा के 51772 विद्यालयों के लिए 2024-25 का बजट 133 करोड़ तो माध्यमिक शिक्षा के 17418 विद्यालयों के लिए हैं। इसको मिलाकर 246 करोड़ रुपए का बजट स्वीकृत हुआ था। जबकि विभाग ने स्कूलों को सिर्फ 41 करोड़ रुपए की राशि ही जारी की है।वार्षिकोत्सव व कॅरियर मेले की राशि भी बाकी
राज्य सरकार ने 25 जनवरी तक माध्यमिक स्तर और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में वार्षिकोत्सव तो आयोजित करवा लिए पर इसके लिए स्वीकृत क्रमश: 10 हजार और 5 हजार रुपए की राशि का अब तक अता पता नहीं है। इसी तरह फरवरी में पूरे प्रदेश में करियर मेले का आयोजन पीईईओ स्तर पर करवाने के आदेश जारी हुए पर एक माह बीत जाने के बाद भी उसके लिए जारी की जाने वाली 15 हजार की राशि पर विभाग निरुत्तर है। जबकि आयोजन किया जा चुका है।उच्च स्तर पर अवगत कराया है
यह सही है कि जितना बजट स्वीकृत हुआ, उतना अब तक नहीं मिल पाया है। इस संबंध में उच्च अधिकारियों को अवगत कराया है। बजट तो आगे से ही आएगा।–प्रमोद कुमार दशोरा, मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी, चित्तौड़गढ़