scriptवित्तीय समस्या से जूझ रहे राजस्थान के स्कूल, 328 करोड़ में से पहुंचे सिर्फ 75 करोड़ | rajasthan government schools facing financial problems only 75 crores reached out of 328 crores | Patrika News
चित्तौड़गढ़

वित्तीय समस्या से जूझ रहे राजस्थान के स्कूल, 328 करोड़ में से पहुंचे सिर्फ 75 करोड़

Chittorgarh News: शिक्षा विभाग भले ही नित नए नवाचार करने में विश्वास कर रहा हो पर सरकार विद्यालयों के लिए संसाधन उपलब्ध करवाने का बजट जारी करना ही भूल गई हैं।

चित्तौड़गढ़Mar 11, 2025 / 03:10 pm

Alfiya Khan

rajasthan school

File Photo

चित्तौड़गढ़। शिक्षा विभाग भले ही नित नए नवाचार करने में विश्वास कर रहा हो पर सरकार विद्यालयों के लिए संसाधन उपलब्ध करवाने का बजट जारी करना ही भूल गई हैं। वित्तीय वर्ष 2024-25 के खत्म होने में मात्र 20 दिन बचे हैं पर प्रतिवर्ष जारी की जाने वाली स्कूल कम्पोजिट ग्रांट दो माह की और संकुल संदर्भ केन्द्र के लिए सीआरसी राशि मात्र 40 प्रतिशत जारी की गई है। यानी अब तक सिर्फ 23 फीसदी राशि ही जारी हुई है।

संबंधित खबरें

कब हाथ खींच लेंपता नहीं

शिक्षा विभाग की ओर से सभी मदों के लिए जारी राशि की स्वीकृति तो लगभग जुलाई अगस्त में ही जारी कर दी जाती है पर वित्तीय स्वीकृतियां जारी करने की कोई समय सीमा नहीं है। बिना वित्तीय स्वीकृति के कार्य करवाना संभव नहीं है और विभाग का यह दबाव रहता है कि गतिविधियां तो करनी ही है। भुगतान बाद में होता रहेगा। सरकार कब स्वीकृत राशि वापय ले ले। इसका भी कोई भरोसा नहीं।
क्योंकि कुछ दिन पहले रानी लक्ष्मीबाई आत्मरक्षा प्रशिक्षण के उच्च माध्यमिक विद्यालय और उच्च् प्राथमिक विद्यालयों के लिए प्रति विद्यालय जारी की गई 2650 रुपए की राशि यह कहते हुए खर्च करने पर रोक लगा दी गई कि परिषद इस राशि से अपने स्तर पर आत्मरक्षा के पोस्टर तैयार करवाएगा। जबकि अंधिकाश विद्यालयों में जनवरी में ही प्रशिक्षण का दबाव बनवाकर राशि खर्च करवा दी गई।

80 हजार स्वीकृत, मिले सिर्फ 33 हजार रुपए

राजस्थान स्कूल शिक्षा परिषद की ओर से मई में प्रति संकुल संदर्भ केन्द्र के हिसाब से 80 हजार रुपए की प्रशासनिक स्वीकृति जारी की थी। राज्य स्तर पर 10259 पीईईओ विद्यालय के लिए 82 करोड़ रुपए से ज्यादा का प्रावधान किया था। अब तक इसमें से मात्र 33 हजार 300 यानी 40 फीसदी राशि ही जारी की गई है।
सितम्बर में प्रत्येक पीईईओ विद्यालय को मात्र 13300 की राशि जारी की गई। जबकि 15 हजार रुपए तो राज्य सरकार ने जुलाई अगस्त में पौधरोपण पर खर्च करने के निर्देश दिए थे। फरवरी के अंतिम सप्ताह में इस मद में 20 हजार रुपए की राशि और जारी कर महरम लगाने का प्रयास किया गया है।

उधारी से चल रहा काम

स्कूल कम्पोजिट ग्रांट विद्यालय के आवश्यक कार्यों के लिए उपयोग में ली जाने वाली राशि है। जिससे सालभर विद्यालय की गतिविधियां संचालित होती हैं। नामांकन के आधार पर यह राशि दस हजार से एक लाख रुपए तक प्रति विद्यालय होती है। राज्य के प्राथमिक शिक्षा के 51772 विद्यालयों के लिए 2024-25 का बजट 133 करोड़ तो माध्यमिक शिक्षा के 17418 विद्यालयों के लिए हैं। इसको मिलाकर 246 करोड़ रुपए का बजट स्वीकृत हुआ था। जबकि विभाग ने स्कूलों को सिर्फ 41 करोड़ रुपए की राशि ही जारी की है।

वार्षिकोत्सव व कॅरियर मेले की राशि भी बाकी

राज्य सरकार ने 25 जनवरी तक माध्यमिक स्तर और उच्च प्राथमिक विद्यालयों में वार्षिकोत्सव तो आयोजित करवा लिए पर इसके लिए स्वीकृत क्रमश: 10 हजार और 5 हजार रुपए की राशि का अब तक अता पता नहीं है। इसी तरह फरवरी में पूरे प्रदेश में करियर मेले का आयोजन पीईईओ स्तर पर करवाने के आदेश जारी हुए पर एक माह बीत जाने के बाद भी उसके लिए जारी की जाने वाली 15 हजार की राशि पर विभाग निरुत्तर है। जबकि आयोजन किया जा चुका है।

उच्च स्तर पर अवगत कराया है

यह सही है कि जितना बजट स्वीकृत हुआ, उतना अब तक नहीं मिल पाया है। इस संबंध में उच्च अधिकारियों को अवगत कराया है। बजट तो आगे से ही आएगा।
प्रमोद कुमार दशोरा, मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी, चित्तौड़गढ़

Hindi News / Chittorgarh / वित्तीय समस्या से जूझ रहे राजस्थान के स्कूल, 328 करोड़ में से पहुंचे सिर्फ 75 करोड़

ट्रेंडिंग वीडियो