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छिंदवाड़ा

बाजार में जब तक नहीं आएंगे विकल्प,चोरी-छुपे चलता रहेगा सिंगल यूज डिस्पोजल

-सरकारी रिकार्ड में सीमित रह गए प्रतिबंध, सडक़ों पर उड़ रहा प्लास्टिक कचरा

छिंदवाड़ाMar 17, 2025 / 11:34 am

manohar soni

बाजार में जब तक पर्यावरण हितैषी विकल्प नहीं आएंगे, तब तक चोरी-छुपे ही सहीं सिंगल यूज डिस्पोजल चलता रहेगा। सरकारी रिकार्ड में इस पर प्रतिबंध सीमित रह गए हैं। हर व्यक्ति के हाथ में इस समय पॉलीथिन और सिंगल यूज डिस्पोजल है। शादी-ब्याह समेत हर सामाजिक कार्यक्रम में प्लास्टिक के सिंगल यूज डिस्पोजल का उपयोग बढ़ता जा रहा है। नगर निगम समेत अन्य एजेंसियां इसके विकल्पों को सहीं तरीके से प्रस्तुत नहीं कर रही है।
सिंगल यूज प्लास्टिक के कचरे को कम करने के विकल्प देखे जाए तो कपड़े के थैले, धातु की बोतलें, कचरा बैग, बायोडिग्रेडेबल कचरा बैग, भोजन और पेय पदार्थों के लिए कांच, स्टेनलेस स्टील या रीसायकल योग्य प्लास्टिक के कंटेनर, धातु या बांस की कटलरी, प्लास्टिक के स्ट्रॉ की जगह धातु, बांस, पेपर स्ट्रॉ, पेपर प्लेट और कप, रीसायकल योग्य सामग्री से बने प्लेट और कप, पेपर पैकेजिंग या बायोडिग्रेडेबल पैकेजिंग, धातु-कांच की पानी की बोतल,कपड़े के थैले या जूट के थैले उपलब्ध है। आम आदमी किसी का भी उपयोग कर अपने उपयोग के साधन खोज सकता है।
समस्या यह है कि नगर निगम की ओर कभी इन वैकल्पिक साधनों के प्रचार करने या फिर उन्हें बाजार में लाने की कोशिश नहीं की जा रही है। केवल सिंगल यूज प्लास्टिक और पॉलीथिन जब्त करने की छुटपुट कार्रवाई की जा रही है। इससे जनमानस के मन से ये सामग्री निकल नहीं पा रही है। आम जनता को इसके विकल्प उपलब्ध भी नहीं कराए जा रहे हैं। इससे इस समस्या का अंत नहीं हो पा रहा है। उल्टे यह बढ़ती जा रही है। यह पर्यावरण को नुकसान पहुंचाने पर आमादा है।

शहर में हर दिन 65 टन उठता है कचरा

नगर निगम के रिकार्ड के मुताबिक नगर निगम के 48 शहरी-ग्रामीण वार्डो में कचरे की मात्रा इस समय करीब 65 टन है। इसमें प्लास्टिक-पॉलीथिन कचरे की मात्रा बढ़ती जा रही है। यह कचरा केवल शादी ब्याह का नहीं बल्कि घरेलू के अलावा तेरहवीं व जन्मदिन जैसे सामाजिक कार्यक्रम का भी है।

समूहों को बर्तन देकर किए थे प्रयोग

छह साल पहले नगर निगम की ओर से हर वार्ड के स्व-सहायता समूहों को बर्तन देकर सिंगल यूज डिस्पोजल को बंद करने के प्रयास किए गए थे तो वहीं कपड़ों के थैलों की बिक्री से भी पॉलीथिन को हतोत्साहित किया गया था। बाद में इस पर ध्यान देना बंद कर दिया गया।

ये विकल्प हैं, बस आगे कदम बढ़ाने की जरूरत

  1. पॉलीथिन का सबसे बेहतर विकल्प है कपड़ों से बनाए गए थैले। इसके अलावा कागज के थैले, जूट के थैले, नायलॉन, कैरी बैग को अपनाया जा सकता है।
    2.सिंगल यूज डिस्पोजल का विकल्प बायोडिग्रेडेबल गन्ने की खोई से प्लेट व कटोरी है। यह एकल इस्तेमाल प्लास्टिक से थोड़ा महंगा है लेकिन पर्यावरण के लिए यह सुरक्षित है। इधर-उधर फेंक दिए जाने के बाद यह नष्ट हो जाता हैं। इस बारे में व्यवसायियों को विचार करना चाहिए।

इनका कहना है

नगर निगम में सिंगल यूज प्लास्टिक को प्रतिबंधित करने और वैकल्पिक साधन का उपयोग करने के निर्देश जारी किए गए हैं। निगम का अमला भी इस पर सख्त कदम उठाने अग्रसर है। स्वच्छता सर्वेक्षण की भी यह महत्वपूर्ण कड़ी है। इस पर और काम करने की जरूरत है।
-विक्रम अहके, महापौर।

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