शहर में हर दिन 65 टन उठता है कचरा
नगर निगम के रिकार्ड के मुताबिक नगर निगम के 48 शहरी-ग्रामीण वार्डो में कचरे की मात्रा इस समय करीब 65 टन है। इसमें प्लास्टिक-पॉलीथिन कचरे की मात्रा बढ़ती जा रही है। यह कचरा केवल शादी ब्याह का नहीं बल्कि घरेलू के अलावा तेरहवीं व जन्मदिन जैसे सामाजिक कार्यक्रम का भी है।समूहों को बर्तन देकर किए थे प्रयोग
छह साल पहले नगर निगम की ओर से हर वार्ड के स्व-सहायता समूहों को बर्तन देकर सिंगल यूज डिस्पोजल को बंद करने के प्रयास किए गए थे तो वहीं कपड़ों के थैलों की बिक्री से भी पॉलीथिन को हतोत्साहित किया गया था। बाद में इस पर ध्यान देना बंद कर दिया गया।ये विकल्प हैं, बस आगे कदम बढ़ाने की जरूरत
- पॉलीथिन का सबसे बेहतर विकल्प है कपड़ों से बनाए गए थैले। इसके अलावा कागज के थैले, जूट के थैले, नायलॉन, कैरी बैग को अपनाया जा सकता है।
2.सिंगल यूज डिस्पोजल का विकल्प बायोडिग्रेडेबल गन्ने की खोई से प्लेट व कटोरी है। यह एकल इस्तेमाल प्लास्टिक से थोड़ा महंगा है लेकिन पर्यावरण के लिए यह सुरक्षित है। इधर-उधर फेंक दिए जाने के बाद यह नष्ट हो जाता हैं। इस बारे में व्यवसायियों को विचार करना चाहिए।
इनका कहना है
नगर निगम में सिंगल यूज प्लास्टिक को प्रतिबंधित करने और वैकल्पिक साधन का उपयोग करने के निर्देश जारी किए गए हैं। निगम का अमला भी इस पर सख्त कदम उठाने अग्रसर है। स्वच्छता सर्वेक्षण की भी यह महत्वपूर्ण कड़ी है। इस पर और काम करने की जरूरत है।-विक्रम अहके, महापौर।