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छतरपुर

बाइपास सडक़ में डामर का नामोनिशान नहीं बचा, व्हाइट टॉपिंग रोड का निर्माण भी शुरू नहीं, छह महीने से मुसीबत में रहवासी

बघराजन माता मार्ग की सडक़ में गड्ढों की भरमार है। सडक़ें इस कदर टूटी हुई हैं कि वाहन चालकों के लिए हर दिन एक नया खतरा बन गया है।

छतरपुरApr 21, 2025 / 10:24 am

Dharmendra Singh

bye pass road

बाइपास सडक़

छतरपुर. शहर के पुराने बाइपास सडक़ की हालत इन दिनों इतनी खराब हो चुकी है कि वाहन चलाना तो दूर, पैदल चलना भी मुश्किल हो गया है। छह साल पहले निर्मित राजनगर और महोबा बाइपास रोड की हालत अब इतनी जर्जर हो चुकी है कि डामर का नामोनिशान मिट चुका है। वहीं बघराजन माता मार्ग की सडक़ में गड्ढों की भरमार है। सडक़ें इस कदर टूटी हुई हैं कि वाहन चालकों के लिए हर दिन एक नया खतरा बन गया है। इस सडक़ पर व्हाइट टॉपिंग का टेंडर तो हुआ है लेकिन अभी भी काम शुरू नही हो सका है।

नाली की वर्षो से सफाई नहीं


स्थानीय लोगों और कारोबारियों ने बताया कि बघराजन रोड पर स्थित लघु, सूक्ष्म और मध्यम औद्योगिक इकाइयों के सामने नपा ने नाली तो बनवा दी, लेकिन वर्षों से सफाई नहीं होने के कारण गंदगी बदबू मार रही है। नालियों से उठती बदबू और आसपास फैली गाजर घास से दुर्घटनाओं की आशंका लगातार बनी हुई है। इंडस्ट्री संचालकों का कहना है कि कचरा गाड़ी की नियमित व्यवस्था नहीं होने से पूरे क्षेत्र में प्रदूषण और गंदगी फैल रही है, जिससे आम जनता के साथ साथ व्यापारी वर्ग भी परेशान है।

गड्ढों में तब्दील हुई सडक़ें, हादसों का डर


बघराजन माता मंदिर मार्ग की महज एक किमी लंबी सडक़ में 87 से अधिक गड्ढे हो चुके हैं। पीडब्ल्यूडी द्वारा कई साल पहले बनाई गई सडक़ अब पूरी तरह उखड़ चुकी है। दोनों ओर बेस लेवल सही न होने के कारण दोपहिया वाहन सवार अक्सर संतुलन खो बैठते हैं और दुर्घटनाओं के शिकार हो जाते हैं। इस क्षेत्र से तीन प्रमुख सडक़ों का मिलन होता है, जिससे यातायात का दबाव भी अधिक रहता है। वार्ड नंबर 12 के रहवासियों को रोजाना इस बदहाल सडक़ से गुजरना पड़ता है, जिससे उन्हें भारी परेशानी उठानी पड़ रही है।

पैचवर्क भी बना मज़ाक


रहवासियों का कहना है कि जब सडक़ें बरसात में पूरी तरह खराब हो जाती हैं, तो नगर पालिका केवल पैचवर्क कर इतिश्री कर लेती है। दो साल पहले किए गए डामरीकरण के समय भी सडक़ के किनारों को समतल नहीं किया गया था, जिससे बारिश के साथ ही सडक़ टूटने लगी और अब पूरी तरह गड्ढों में बदल चुकी है।

जनता की शिकायतें, लेकिन सुनवाई नहीं


स्थानीय रहवासियों रामप्रसाद कुशवाहा और भगवानदास कुशवाहा जैसे नागरिकों ने बताया कि उन्होंने नगर पालिका में कई बार शिकायतें की हैं, लेकिन नपा के अधिकारियों ने कोई संज्ञान नहीं लिया। हालात यह हैं कि बच्चों, बुजुर्गों और महिलाओं को सबसे ज्यादा परेशानी हो रही है।

ये कह रहे जिम्मेदार


नगर पालिका की सीएमओ माधुरी शर्मा ने कहा है कि बघराजन मार्ग में टीम भेजकर नालियों की सफाई कराई जाएगी और गंदगी हटाई जाएगी ताकि लोगों को असुविधा न हो। वहीं पीडब्ल्यूडी के ईई आरएस शुक्ला ने बताया कि जिला पंचायत सीईओ बंगले के सामने से लेकर महोबा बायपास तक लगभग 5 किमी लंबी सडक़ के निर्माण और डामरीकरण के लिए टेंडर हो चुका है और अगले एक माह में कार्य शुरू होने की उम्मीद है।

पत्रिका व्यू


फिलहाल शहरवासियों को प्रशासन की घोषणाओं और टेंडर की प्रक्रिया से अधिक सडक़ की मरम्मत और सफाई की जल्द शुरुआत का इंतजार है। लोगों की मांग है कि बायपास जैसी व्यस्त और औद्योगिक सडक़ों को प्राथमिकता में लेकर जल्द मरम्मत कराई जाए, जिससे दुर्घटनाओं और संक्रमण का खतरा कम हो सके।

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