सभी कस्बों पर चढ़ा होली का रंग
होली के दिन नौगांव की सडक़ों पर युवाओं की टोलिया निकलीं। ढोल-नगाड़े की थाप पर नाचते-गाते रंग-गुलाल उड़ाते ये टोलियां पूरे दिन नगर की गलियों में होली की हुल्लड़ मचाती रहीं। वहीं बड़े-बुजुर्ग एक दूसरे को गुलाल का तिलक लगाकर, गले मिलकर होली पर्व की शुभकामनाएं देते रहे। इसके साथ ही लोग अपने घरों और फॉर्म हाउसों में भी परिवार के साथ होली का त्योहार मनाते रहे। तरह-तरह के पकवान बनाते-खाते, रंग-गुलाल उड़ाते और नाचते गाते लोगों ने पूरे दिन होली का त्योहार मनाया। जिला मुख्यालय छतरपुर के साथ ही नौगांव, राजनगर, खजुराहो, बड़ामलहरा, घुवारा, बक्स्वाहा, हरपालपुर, गढ़ीमलहरा, बिजावर, लवकुशनगर, चंदला, गौरिहार,चंद्रनगर, बमीठा,महाराजपुर और सटई में भी सुबह से ही रंग-गुलाल की मस्ती छाई रही। लोग एक-दूसरे को रंग-गुलाल लगाते और होली के पर्व की शुभकामनाएं देते नजर आए। युवा टोलियों में निकले और अपने मित्रों, पडोसियों को रंग लगाकर होली के उत्सव को मनाते रहे। एक दूसरे को मिठाई खिलाकर लोगों ने बधाइयां दी। कही ढोल-नगाड़े तो कही डीजे की धुन पर लोग होली के रंग में डूबे नाचते-गाते रहे। होली खेले रघुवीरा, होली है…जैसे गानों की धुन पर होली मस्ती का रंग पूरे दिन छाया रहा।
गांवों में जुटी मंडली, फाग गीत की रही धूम
होली के दिन खासतौर पर ग्रामीण इलाकों में एक-दूसरे को रंग लगाकर उत्सव मनाने के साथ ही मंडलियां जुटी और फाग गीत का आयोजन किया गया। किसी गांव में किसी के घर पर तो कही पेड के नीचे चौपाल पर लोगों की मंडली जुटी। बुर्जुगों की टोली ढोल,नगाड़े और झाल की धुन पर फाग गीते गाते और होली का आनंद उठाते नजर आई। होली में गाए जाने वाले फाग गीत अब शहरों से गायब होते जा रहे हैं, नई पीढ़ी डीजे की धुन पर थिरकना पसंद कर रही है, लेकिन गांव में आज भी लोग फाग गीत गाते हैं। फाग गीत गाने का ये सिलसिला होली के दिन से लेकर रंग पंचमी तक चलता है।
बागेश्वर धाम में हुई फू लो की होली
बागेश्वर धाम में होली मनाई गई। होली पर भारी संख्या में भक्त धाम पर पहुंचे और पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री के साथ रंगे का त्योहार मनाया। बागेश्वर धाम में होली पर वृंदावन की रास लीला का आयोजन किया गया जिसमें कलाकारों ने रंग बिरंगी वेशभूषा पहनकर वृंदावन की होली को बड़े ही शानदार ढंग से अपने नृत्य संगीत के जरिए प्रस्तुत किया। इस दौरान भक्तों के साथ बागेश्वरधाम पीठाधीश्वर पंडित धीरेन्द्र कृष्ण शास्त्री भी होली के रंग में रंगे नजर आए और होली के गीतों पर जमकर थिरके इतना ही नहीं उन्होंने भक्तों पर फूल व गुलाल भी बरसाया।