ये है प्रस्ताव
बैठक में चर्चा के लिए प्रस्तुत प्रस्तावों में छत्रसाल चौराहा पर स्थित सुलभ कॉम्प्लेक्स को ढहाने का प्रस्ताव शामिल है। इसके अलावा, डाकखाना चौराहा स्थित पुलिस चौकी को विस्थापित किए जाने का भी मुद्दा उठेगा। इस सुलभ कॉम्प्लेक्स को ढहाने के बाद उस स्थान पर क्या निर्माण होगा, इसे लेकर भी बैठक में विस्तार से चर्चा की जाएगी। इसके साथ ही, नगर पालिका के अकुशल श्रमिकों और वाहन चालकों की सेवा में वृद्धि किए जाने के प्रस्ताव पर भी विचार किया जाएगा।
वार्ड के बजट को लेकर गतिरोध
हालांकि इस बार की साधारण सभा की बैठक में हंगामे के आसार हैं, क्योंकि अभी तक सामने आए एजेंडा में वार्डों में खर्च को लेकर भेदभाव के आरोप लगाए जा रहे हैं। कुछ पार्षदों का कहना है कि नगर पालिका द्वारा वार्डों में किए जाने वाले खर्च में भेदभाव किया जा रहा है, जिससे असंतोष का माहौल बन गया है। इन आरोपों के बाद बजट को लेकर गहमागहमी बढ़ सकती है। इस मुद्दे पर चर्चा की जाएगी कि नगर पालिका के विभिन्न वार्डों में किस तरह के कार्य किए जा रहे हैं और वहां कितना बजट आवंटित किया जा रहा है।
- सिटी वॉकिंग पार्क: हनुमान टौरिया से भैंसासुर मुक्तिधाम तक एक सिटी वॉकिंग पार्क के निर्माण का प्रस्ताव है, जिसकी अनुमानित लागत एक करोड़ रुपए है। यह पार्क शहरवासियों के लिए एक अच्छा साबित हो सकता है।
- सडक़ चौड़ीकरण: चौबे तिराहा से पन्ना नाका तक बीटी रोड के चौड़ीकरण के लिए एक प्रस्ताव तैयार किया गया है, इसके अलावा आकाशवाणी तिराहे से बस स्टैंड तक सडक़ चौड़ीकरण के लिए 70 लाख रुपए का प्रस्ताव है।
- सीसी मैदान निर्माण: हनुमान टौरिया मंदिर परिसर के पास सीसी मैदान के निर्माण के लिए 50 लाख रुपये का प्रस्ताव तैयार किया गया है।
- सीसी रोड और नाली निर्माण: वार्ड 21 में 30 लाख रुपए की लागत से सीसी रोड एवं नाली का निर्माण किया जाएगा।
- सौंदर्यीकरण कार्य: वार्ड 4, जानराय टौरिया के पास 40 लाख रुपए की लागत से बाउंड्रीवॉल और सौंदर्यीकरण कार्य किया जाएगा।
- अन्य वार्डों में निर्माण कार्य: शहर के अधिकांश वार्डों में 25-30 लाख रुपए की लागत से विभिन्न निर्माण कार्यों का प्रस्ताव तैयार किया गया है।
जलकर और करों में वृद्धि का प्रस्ताव
नगर पालिका ने जलकर में भी आंशिक वृद्धि का प्रस्ताव तैयार किया है, जिससे नगरवासियों पर आर्थिक दबाव पड़ सकता है। इसके साथ ही, अन्य करों की दरों में भी वृद्धि की संभावना है, जिसे लेकर भी नगरवासियों में असंतोष देखा जा सकता है। बजट के दौरान होने वाली चर्चा के बाद यह साफ होगा कि कौन से प्रस्ताव स्वीकृत होते हैं और किस प्रकार के विवाद उत्पन्न होते हैं। अगर वार्डों में बजट खर्च को लेकर असंतोष जारी रहा, तो आगामी महीनों में नगर पालिका के लिए यह एक बड़ी चुनौती साबित हो सकता है। बैठक के बाद ही यह स्पष्ट होगा कि नगर पालिका ने किन कार्यों को प्राथमिकता दी है और किस प्रकार से शहर में विकास कार्यों को गति दी जाएगी।