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छतरपुर

समर्थन मूल्य पर गेहूं बेचने के लिए 20 हजार किसानों ने कराया पंजीयन, लेकिन 5 हजार का नहीं हो सका रकबा का सत्यापन

गेहूं, चना, मसूर और सरसों की उपज को समर्थन मूल्य पर बेचने के लिए किसानों का पंजीकरण तो 20 हजार से भी अधिक हुआ है, लेकिन राजस्व विभाग की लापरवाही के कारण 5 हजार से अधिक किसानों के रकबे का सत्यापन अभी तक नहीं हो सका है। इससे किसानों को समर्थन मूल्य पर उपज बेचने के लिए स्लॉट की बुकिंग में समस्या आ रही है।

छतरपुरMar 30, 2025 / 10:42 am

Dharmendra Singh

collectorate

क लेक्ट्रेट छतरपुर

जिले में गेहूं, चना, मसूर और सरसों की उपज को समर्थन मूल्य पर बेचने के लिए किसानों का पंजीकरण तो 20 हजार से भी अधिक हुआ है, लेकिन राजस्व विभाग की लापरवाही के कारण 5 हजार से अधिक किसानों के रकबे का सत्यापन अभी तक नहीं हो सका है। इससे किसानों को समर्थन मूल्य पर उपज बेचने के लिए स्लॉट की बुकिंग में समस्या आ रही है।

राजस्व विभाग कर रहा सत्यापन


समर्थन मूल्य पर उपज की बिक्री के लिए पंजीकरण प्रक्रिया 20 जनवरी 2025 से शुरू हुई थी। इस दौरान 20 हजार से अधिक किसानों ने गेहूं, चना, मसूर और सरसों के लिए रजिस्ट्रेशन कराया। पंजीकरण के बाद किसानों के रकबे और बोई गई फसल का सत्यापन राजस्व विभाग द्वारा किया जा रहा है, जिसमें तहसीलदार, नायब तहसीलदार और अन्य राजस्व अधिकारी शामिल हैं। सत्यापन प्रक्रिया में किसानों के रकबे का वेरिफिकेशन किया जाता है, विशेष रूप से उन किसानों का जिनके पास 4 हैक्टेयर से अधिक रकबा है या जो सिकमी और बटाईदार किसान हैं। इसके साथ ही किसानों के आधार नंबर, खसरे में नाम में भिन्नता और स्वामित्व की भूमि का सत्यापन भी किया जाता है।

सत्यापन में लापरवाही


समस्या यह है कि अब तक 15 हजार किसानों के रकबे का सत्यापन हो पाया है, जबकि 5 हजार किसानों का सत्यापन अभी तक नहीं हो सका। इस वजह से ये किसान समर्थन मूल्य पर अपनी उपज बेचने के लिए निर्धारित स्लॉट में बुकिंग नहीं कर पा रहे हैं। इसका मुख्य कारण राजस्व विभाग के अधिकारियों द्वारा सत्यापन में लापरवाही बरतना है।

घुवारा तहसील में आधे से भी कम का सत्यापन


घुवारा तहसील इस मामले में सबसे पीछे है। यहां पर 2572 किसानों ने पंजीकरण कराया था, लेकिन अब तक केवल 1051 किसानों के रकबे का ही सत्यापन हो सका है। इसी तरह से छतरपुर, राजनगर और बिजावर जैसे क्षेत्रों में भी बड़ी संख्या में सत्यापन लंबित है। इससे किसानों में आक्रोश है, क्योंकि अब तक रकबा सत्यापन के बिना वे समर्थन मूल्य पर अपनी फसल नहीं बेच पा रहे हैं। हालांकि, कुछ क्षेत्रों में सत्यापन में बेहतर प्रदर्शन हुआ है। जैसे कि बड़ामलहरा और महराजपुर तहसील में रकबे का सत्यापन तेजी से हुआ है। बड़ामलहरा में 2109 पंजीकृत किसानों में से 1781 किसानों के रकबे का सत्यापन हो चुका है।

पंजीकरण की ये है स्थिति


किसान पंजीकरण के आंकड़े भी काफी बड़े हैं। जिले में 19487 किसानों ने गेहूं के लिए रजिस्ट्रेशन कराया है, जबकि 3094 किसानों ने चना के लिए पंजीकरण कराया है। इसके अलावा 1849 किसान मसूर और 4978 किसान सरसों के लिए पंजीकरण करवा चुके हैं। एडीएम मिलिंद नागदेवे ने राजस्व अधिकारियों को शत-प्रतिशत सत्यापन कार्य पूरा करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने कहा कि जल्द ही सभी लंबित सत्यापन प्रक्रिया को पूरा किया जाएगा ताकि किसानों को समय पर समर्थन मूल्य पर उपज बेचने का अवसर मिल सके।

फैक्ट फाइल


कुल पंजीकृत किसान- 20562
सत्यापित किसानों की संख्या- 15103
तहसील रजिस्ट्रेशन सत्यापित किसानों की संख्या
गौरिहार 1307 956
घुवारा 2572 1051
चदला 938 840
छतरपुर 1661 1052
छतरपुर नगर 1226 732
नौगांव 1139 1105
बकस्वाहा 892 810
बड़ामलहरा 2109 1781
महराजपुर 1532 1438
राजनगर 4866 3781
लवकुशनगर 875 815
बिजावर 1445 742

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