2022 में भारत और ताइवान के बीच व्यापार की मात्रा 8.5 बिलियन डॉलर तक पहुंच गई, जो एक रिकॉर्ड ऊंचाई है, जिससे भारत ताइवान का 17वां सबसे बड़ा व्यापार भागीदार बन गया। कृषि, निवेश, औद्योगिक और सीमा शुल्क सहयोग पर कई द्विपक्षीय समझौतों के मद्देनजर भारत के साथ ताइवान की आर्थिक बातचीत ने पिछले कुछ वर्षों में गति प्राप्त की है।चेन्नई में ताइवान चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष साइमन ली ने कहा अगले तीन वर्षों में निवेश मुख्य रूप से इलेक्ट्रॉनिक्स और गैर-चमड़े के जूते क्षेत्रों में होगा। ताइवान में निवेशक अगले 10 से 15 वर्षों में भारत को एक उज्ज्वल भविष्य के रूप में देख रहे हैं। भारत दुनिया के लिए मैन्युफैक्चरिंग हब बनेगा। सांस्कृतिक अंतर और स्थानीय नियमों को समझने में चुनौतियों की ओर इशारा करते हुए उन्होंने कहा जब भी आपूर्ति श्रृंखला में बदलाव हुआ ताइवान ने महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। ताइवान की कंपनियों की दक्षिण में महत्वपूर्ण उपस्थिति है जैसे फॉक्सकॉन और पेगाट्रॉन की तमिलनाडु में सुविधाएं हैं।