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चेन्नई

पिता से संवाद करें और उनके अनुभवों से सीखें

-फादर्स डे विशेष

चेन्नईJun 17, 2023 / 07:33 pm

Santosh Tiwari

पिता से संवाद करें और उनके अनुभवों से सीखें

पिता से संवाद करें और उनके अनुभवों से सीखें

चेन्नई.
फादर्स डे बच्चों के जीवन में पिता के योगदान के लिए मनाया जाता है। यह जून के तीसरे रविवार को संयुक्त राज्य अमेरिका और कनाडा में और अन्य देशों में अलग-अलग दिनों में मनाया जाता है। भारत में यह १८ जून को मनाया जाता है। यह दिन पिता के प्रति सम्मान, उनके प्यार और उनके बलिदान को दिखाने का दिन है। यह एक बच्चे के पालन-पोषण में पिता के योगदान को सेलेब्रेट करने का दिन है, जिसे अक्सर अनदेखा कर दिया जाता है।
पिता एक परिवार के मुखिया होते हैं और हमेशा हमारी देखभाल और संरक्षण में सबसे आगे रहते हैं। वे संघर्षों में साथ खड़े रहते हैं और सही मार्गदर्शन देते हैं। पिता संबल, साहस, और सामथ्र्य की प्रेरणा देते हैं जो लक्ष्यों की ओर आगे बढऩे में मदद करती है।
पत्रिका ने इस फादर्स डे पर प्रवासियों से परिचर्चा की और उनकी प्राथमिकता, आवश्यकताएं और अपेक्षा के बारे में जाना जो यहां पेश है।
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बच्चों को धार्मिक सांस्कृतिक मूल्यों के बारे में बताएं
एक पिता का कर्तव्य है कि वह बच्चों को धार्मिक व सांस्कृतिक मूल्यों के बारे में बताएं। बच्चों की बात सुनें और उनको सभ्यता और शिष्टाचार सीखाएं। उन्हें समय दें एवं अधिक से अधिक समय उनके साथ बिताएं। उनको तैयार करें और पढ़ा लिखा कर काम में लगाएं। बड़े होने पर उनके साथ दोस्त की तरह व्यवहार करें।
ताराचंद दुगड़, चेन्नई।
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परिवार को रोशन करता है पिता
पिता परिवार का मुखिया होता है। उसे घर के हर काम की जानकारी रखनी चाहिए। पहले बच्चों पर पढ़ाई लिखाई व व्यापार के लिए पिता का छाया रहता था। आजकल पिता को बच्चों पर पढ़ाई लिखाई के लिए ध्यान देने का समय नहीं होता। पिता उस दीए की तरह है जो खुद जलकर परिवार का जीवन रोशन करता है। पिता जिंदगी के हर तूफान में कभी नहीं छोड़ता। कभी गुस्सा तो कभी प्यार वह है पिता की पहचान।
रिखबचंद बोहरा, चेन्नई।
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पिता की तरह जीवन को सफल बनाने की चाह
पिता का हमारे जीवन में महत्व अवर्णनीय है। हमारी पहचान भी उनसे ही जुड़ी है। सब कहते हैं मां ने बलिदान दिए लेकिन क्या पिता भी कभी पीछे रहे। पिता परिवार के एक ऐसे सदस्य हैं जो चुपचाप अपना कर्तव्य निभाते जाते हैं। कभी कोई तकलीफ का अहसास नहीं होने देते। उनका प्यार, उनकी सीख ही मेरे जीवन को संयम में रखती हैं। उन्हीं ने सिखाया व्यापार चलाना और साथ में परिवार को भी संभालना। उन्हीं ने सिखाया सामाजिक कार्यों में योगदान देने का भी महत्व। हमने पापा से बहुत कुछ सीखा है। सबसे जरूरी सीख उन्होंने दी है रिश्तों का महत्व समझना और उन्हें निभाने की कला। इतना ही नहीं पापा से ही हमने सीखा है सेवा का भाव। पापा ने ही सिखाया है छोटे बड़े, सब का आदर करना। मैं यही चाहता हूं कि हम पापा के बताए रास्ते पर चल सकें और उन्हीं की तरह अपने जीवन को सफल बना सकें।
विनीत श्रीश्रीमाल, चेन्नई।

मेरे जीवन के आदर्श हैं मेरे पिताजी
पिताजी मेरे जीवन के एक आदर्श हैं। उनका व्यवहार, सोच और सादगी हमें एक अच्छे इंसान बनने की प्रेरणा देते हैं। वे हमें नेतृत्व कौशल, ईमानदारी, संवेदनशीलता, और समय की महत्ता सिखाते हैं। पिताजी की उपस्थिति हमारे जीवन को समृद्ध और खुशहाल बनाती है। हमें सोचना चाहिए कि हम कैसे अपने पिताजी के प्रति अपने कर्तव्यों को पूरा कर सकते हैं। हमें उनके साथ संवाद करना चाहिए और उनके अनुभवों से सीखना चाहिए। यह दिन हमारे पिताजी की महत्वपूर्ण भूमिका को समझने का अवसर है। मैंने अपनी जिंदगी में पिताजी को हमेशा दूसरों की भलाई एवं दूसरों के कार्यों में मदद करते हुए पाया है। आज भी इस परदादा की उम्र में भी वे हमेशा एक्टिव रहते हैं। उनके इन कार्यों को देख कर हमें भी उन्हीं के जैसे जिंदगी में आगे बढऩे की सीख मिलती है।
रमेश ओस्तवाल, चेन्नई।

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