
UPS और NPS में से चुन सकेंगे सरकारी कर्मचारी
सरकार ने कर्मचारियों को यूनिफाइड पेंशन सिस्टम (UPS) और नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) में से किसी एक को चुनने की सुविधा देने का निर्णय लिया है। इस निर्णय से लगभग 23 लाख सरकारी कर्मचारियों को लाभ पहुंचेगा। एनपीएस को 1 जनवरी, 2004 से लागू किया गया था, जबकि केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 24 अगस्त, 2024 को UPS को स्वीकृति प्रदान की। इससे पहले पुरानी पेंशन योजना (OPS) प्रभावी थी, जिसमें कर्मचारियों को उनकी आखिरी मूल वेतन का 50% पेंशन के तौर पर प्राप्त होता था।कौन कर सकता है नामांकन?
केंद्र सरकार के इन नियमों के तहत तीन तरह के कर्मचारी नामांकन करा सकते हैं। इसमें मौजूदा कर्मचारी – जो 1 अप्रैल 2025 तक राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली (NPS) के तहत आते हैं, नए भर्ती कर्मचारी – जो 1 अप्रैल 2025 या उसके बाद केंद्र सरकार में शामिल होंगे, रिटायर्ड कर्मचारी – जो पहले NPS के तहत कवर थे और 31 मार्च 2025 तक या तो रिटायर्ड हो चुके हैं, स्वैच्छिक रिटायरमेंट ले चुके हैं, या फंडामेंटल रूल 56(j) के तहत रिटायर हुए हैं। आपको बता दें की अगर कोई सब्सक्राइबर नामांकन से पहले निधन हो जाता है, तो उसकी कानूनी पत्नी (विवाहित जीवनसाथी) UPS योजना में शामिल हो सकती है।कैसे करें नामांकन?
केंद्रीय सरकार के कर्मचारियों के लिए यूनिफाइड पेंशन सिस्टम (UPS) में पंजीकरण की प्रक्रिया 1 अप्रैल, 2025 से शुरू होगी। पात्र कर्मचारी Protean CRA पोर्टल (https://npscra.nsdl.co.in) के जरिए ऑनलाइन आवेदन कर सकेंगे। साथ ही, वे अपने आवेदन फॉर्म को भौतिक रूप से (फिजिकल फॉर्म में) भी प्रस्तुत कर सकते हैं।यूपीएस और एनपीएस में क्या अंतर?
यूपीएस अंशदायी पेंशन योजना है, जिसमें कर्मचारी को अपनी बेसिक सैलरी + डीए का 10% योगदान देना होगा।सरकार (नियोक्ता) इसमें 18.5% योगदान देगी।
पेंशन राशि बाजार में किए गए निवेश के रिटर्न पर निर्भर करेगी, जिसमें सरकारी बॉन्ड का निवेश प्रमुख होगा।