Mutual Funds के क्रेज के बीच 2024 में बंद हुए SIP के इतने प्रतिशत खाते
दो साल के भीतर बंद होने वाले एसआइपी खातों की संख्या 48% से अधिक रही। जबकि 2024 में कुल 6.17 करोड़ नए एसआइपी खाते खुले और बंद होने वाले एसआइपी खातों की संख्या 4.15 करोड़ रही।
खुदरा निवेशकों का म्यूचुअल फंड्स (Mutual Funds) में निवेश लगातार बढ़ रहा है। इसमें एसआइपी (SIP) के जरिए निवेश (Investment) का सबसे अधिक योगदान है। एसआइपी से मासिक निवेश 26,000 करोड़ रुपए को पार कर चुका है। नए एसआइपी खाते खुलने की रफ्तार भी बढ़ी है। मगर एसआईपी खातों को समय से पहले बंद करने का चलन तेजी से बढ़ रहा है। साल 2023 में 3.48 करोड़ एसआइपी का पंजीकरण हुआ था, जिसमें से 2024 के आखिर तक महज 1.82 करोड़ एसआइपी खाते ही सक्रिय थे। यानी दो साल के भीतर बंद होने वाले एसआइपी खातों की संख्या 48% से अधिक रही। जबकि 2024 में कुल 6.17 करोड़ नए एसआइपी खाते खुले और बंद होने वाले एसआइपी खातों की संख्या 4.15 करोड़ रही।
यानी पिछले साल बंद होने वाले एसआइपी खातों की संख्या 67त्न से अधिक रही। एम्फी के मुताबिक, यही ट्रेंड 2025 में भी देखने को मिल रहा है, जब भारतीय शेयर बाजार में जारी गिरावट के कारण बंद होने वाले एसआइपी अकाउंट की संख्या नए खुले खातों से 109त्न अधिक रही। जनवरी 2025 में 61.33 लाख एसआइपी खाते बंद हुए, जबकि नए खुले खातों की संख्या 56.२ लाख रही। भारतीय शेयर बाजार में गिरावट के कारण एसआइपी का एक साल का रिटर्न निगेटिव हो गया है, जिससे पैनिक में आकर लोग एसआइपी खाते बंद कर रहे हैं। हालांकि बाजार विशेषज्ञ गिरावट का फायदा उठाने के लिए एसआइपी से निवेश बढ़ाने की सलाह दे रहे हैं।
एम्फी की रिपोर्ट में हुआ खुलासा
एसबीआइ म्यूचुअल फंड के सीईओ डीपी सिंह ने कहा, एसआइपी खातों के बंद होने में तेजी जेरोधा, ग्रो जैसे डिस्काउंट ब्रोकर्स की अधिक हिस्सेदारी का नतीजा है। एम्फी की रिपोर्ट के अनुसार, रेगुलर प्लान के तहत अधिकांश निवेश की होल्डिंग अवधि 5 साल से अधिक है। जबकि फिनटेक प्लेटफॉर्मों के जरिए वितरित होने वाले डायरेक्ट प्लान के मामले में होल्डिंग अवधि कम है। मार्च 2024 तक 21.2% रेगुलर प्लान में निवेश की होल्डिंग अवधि 5 साल से अधिक थी। जबकि 5 साल होल्डिंग अवधि वाले डायरेक्ट प्लान महज 7.7% फीसदी थे।