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बूंदी

पिता-पुत्र का एक ही चिता पर हुआ अंतिम संस्कार, फूट-फूटकर रोती रही पत्नी और बेटी, ऐसे हुई थी दर्दनाक मौत

Bundi Horrific Road Accident: राजूलाल के परिवार में उसकी पत्नी मन्नीबाई व 14 वर्ष की पुत्री शोभा ही रह गई। हादसे में मन्नीबाई का सुहाग उजड़ने के साथ इकलौता लाल भी चला गया।

बूंदीApr 16, 2025 / 08:56 am

Akshita Deora

Father-Son Last Rites Perform Together: बूंदी के नैनवां थाना क्षेत्र के बामनगांव के पास समीधी रोड पर सोमवार रात को अज्ञात वाहन की टक्कर से बाइक में लगी से पिता पुत्र की मौत हो गई। मंगलवार सुबह दोनों के शवों का पास्टमार्टम करवा कर परिजनों को सुपुर्द किए गए। बाइक पर सवार मानपुरा गांव निवासी 35 वर्षीय राजूलाल मीणा व उसके 12 वर्षीय पुत्र विश्वास उर्फ विष्णु की आग में झुलस जाने से घटनास्थल पर मौत हो गई थी। इकलौते पुत्र के साथ पिता की मौत से परिवार में कोहराम मच गया। राजूलाल सोमवार रात को अपने पुत्र के साथ बाइक से अपने गांव मानपुरा जा रहा था।
बामनगांव से आगे समीधी रोड पर अज्ञात वाहन ने उनकी बाइक को टक्कर मार दी। टक्कर के बाद बाइक में आग लग गई। टक्कर से घायल दोनों पिता-पुत्र भी आग की चपेट में आ गए, जिससे पुत्र शत-प्रतिशत व पिता 95 प्रतिशत जल गया। पिता के सिर में भी चोट लगी हुई मिली है। दोनों की घटना स्थल पर मौत हो चुकी थी।
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पुत्र का शव तो सड़क के किनारे खेत की तार फेंसिंग में फंसा हुआ था। एसआई कमलसिंह बंजारा व हेडकांस्टेबल ने सुबह उपजिला चिकित्सालय पहुंचकर शवों का पंचनामा बनाकर पोस्टमार्टम करवाया। मृतक के भाई बलराम ने रिपोर्ट दी है, जिसमे लिखा कि उसका भाई राजूलाल व भतीजा बाइक से गांव आ रहे थे, जिनकी बाइक को अज्ञात वाहन ने टक्कर मार दी, जिससे बाइक में आग लगने से भाई व भतीजा की जलने से मौत हो गई। पुलिस ने रिपोर्ट पर अज्ञात वाहन चालक के खिलाफ मामला दर्ज किया है।

एक साथ उठी अर्थियां तो छलक पड़ी आंखें

मृतक राजूलाल मीणा के साथ झुलस कर मरा उसका पुत्र विश्वास उर्फ विष्णु इकलौता पुत्र था। राजूलाल के परिवार में उसकी पत्नी मन्नीबाई व 14 वर्ष की पुत्री शोभा ही रह गई। हादसे में मन्नीबाई का सुहाग उजड़ने के साथ इकलौता लाल भी चला गया। पिता-पुत्र के शव मानपुरा गांव पहुंचा तो परिवार में कोहराम मच गया। घर से एक साथ उठी पिता-पुत्र की अर्थियों को देखकर इस ह्रदय विदारक दृश्य को देखकर गांव के हर शख्स की आंखें छलक पड़ी। पिता-पुत्र का एक ही चिता पर दाह संस्कार किया गया। अंतिम संस्कार में शामिल लोगों की भी रुलाई फूट पड़ी।

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