जिले के देई क्षेत्र के गुड्डा देवजी से आए बागरी समाज के छीतर लाल की पत्नी के 15 वर्ष पूर्व बूंदी सामान्य चिकित्सालय में प्रसव हुआ था। जिसके जन्म के समय बच्चे की मौत हो गई थी। उस बच्चे को चिकित्सालय की बाउंड्री में ही दफनाकर परिजन चले गए थे।
ताकि लौटे घर की सुख-शांति
महिलाएं ऊत जी महाराज के जयकारे लगाती व पित्तर गीत गाती नजर आई, उन्होंने पेड़ के नीचे ऊत महाराज की तस्वीर रखकर तांत्रिक विद्या कर पूजा अर्चना की वह आत्मा को एक कांच की पेटी में जलते दीपक के रूप में रख कर ले गए । परिवार जनों का कहना है कि हम इस आत्मा को वहां स्थापित कर बच्चे की आत्मा को शांत करेगे । ताकि हमारे घर की सुख शांति वापस लौट सके ।
जिला अस्पताल पर अंधविश्वास के इस खेल से सभी अनजान से नजर आए। जिस स्थान पर खेल चला, उसके महज 500 मीटर की दूरी पर ही जिला अस्पताल की पुलिस चौकी बनी हुई है। लेकिन किसी ने भी उनको रोकने की जहमत नही उठायी।