एसीबी के उप महानिरीक्षक कालूराम रावत ने बताया कि टोंक इकाई को एक शिकायत मिली कि नैनवां उपखण्ड मजिस्ट्रेट का रीडर मारूति नंदन नागर परिवादी के लम्बित वाद में स्टे आदेश करवाने की एवज में पचास हजार रुपए रिश्वत राशि मांग रहा है। रिश्वत नहीं देने पर परिवादी को परेशान किया जा रहा है। इस पर टोंक में ब्यूरो के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक झाबरमल यादव और भीलवाड़ा के उप अधीक्षक पारसमल के नेतृत्व में टीम ने ट्रेप की कार्रवाई की।
रीडर मारूतीनंदन नागर ने परिवादी से यह राशि दलाल लक्ष्मीकांत खन्ना को देने को कहा। कार्यालय से थोड़ी दूर पर लक्ष्मीकांत ने यह राशि जैसे ली, वैसे ही ब्यूरो की टीम ने दोनों को धर दबोचा। रावत ने बताया कि लक्ष्मीकान्त निजी व्यक्ति है। वह उपखण्ड कार्यालय और मारूतिनंदन नागर के घर में सफाई का कार्य करता है। दोनों से पूछताछ की जा रही है।
एसडीएम की भूमिका की होगी जांच
अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक झाबरमल यादव ने बताया कि रीडर ने परिवादी से उपखण्ड मजिस्ट्रेट प्रीति मीणा के नाम से रिश्वत मांगी थी। इस मामले में उपखण्ड मजिस्ट्रेट की भूमिका की भी जांच की जा रही है।