Shiv Thakare: अभिनेता शिव ठाकरे ने महाराष्ट्र में चल रहे मराठी भाषा विवाद पर खुलकर बात की है। उन्होंने हाल ही में एक न्यूज एजेंसी के साथ बातचीत के दौरान शिव ने कहा कि हम कभी भी किसी को जबरदस्ती कोई भाषा बोलने के लिए मजबूर नहीं कर सकते हैं।
शिव ठाकरे से हाल ही में मनसे कार्यकर्ताओं द्वारा लोगों को मराठी बोलने के लिए मजबूर करने की घटनाओं पर अपने विचार साझा करने के लिए कहा गया।
अभिनेता ठाकरे: मार कर या डांट कर किसी भाषा को बोलने के लिए मजबूर नहीं कर सकते…
ठाकरे ने कहा, “मुझे व्यक्तिगत रूप से लगता है कि आप किसी को मार कर या डांट कर किसी भाषा को बोलने के लिए मजबूर नहीं कर सकते। हालांकि, आपको उस जगह की भाषा सीखने का नजरिया रखना चाहिए, जहां आप रहते हैं और कमाई कर रहे हैं। अगर मैं विदेश जाता हूं, तो मुझे गूगल की मदद से चीजों का वहां की भाषा में अनुवाद करना होगा। इसलिए, इन चीजों के बारे में एक नजरिया होना चाहिए।”
ठाकरे का मानना है कि लोगों को मराठी बोलने के लिए मजबूर करने का तरीका गलत है, लेकिन इरादा सही है। उन्होंने जोर देते हुए कहा कि मुंबई में रहने वालों को मराठी आनी चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर वे दूसरे राज्यों में जाते हैं, तो वे वहां की भाषा सीखने की कोशिश करते हैं।”
शिव ठाकरे: अगर कोई आपकी भाषा नहीं बोलता है तो उसे मारना सही नहीं है
ठाकरे ने आगे कहा, “अगर कोई आपकी भाषा नहीं बोलता है तो उसे मारना सही नहीं है। मुझे लगता है कि अगर मैं गुजरात या असम जैसी जगह पर जाता हूं, तो मैं उनकी स्थानीय भाषा में कुछ शब्द सीखने का प्रयास करूंगा ताकि स्थानीय लोगों को अच्छा लगे।”
अपना खुद का उदाहरण देते हुए उन्होंने कहा, “मैं हाल ही में बैंकॉक गया था, मैं शूटिंग के लिए केप टाउन भी गया था, मैंने उनकी भाषा सीखने का प्रयास किया। इसलिए मुझे लगता है कि यह तरीका गलत हो सकता है, लेकिन अगर आप मुंबई में रहते हैं तो आपको मराठी सीखने की कोशिश करनी चाहिए।”
हाल ही में ऐसी कई घटनाएं सामने आई हैं, जहां मराठी में बात न करने पर लोगों के साथ दुर्व्यवहार किया गया है, जिसके कारण देश की आर्थिक राजधानी में भाषा को लेकर बड़ा विवाद देखने को मिला।