देश में ड्रैगन फ्रूट अभी वियतनाम, थाइलैंड और मलेशिया आदि देशों से मंगाया जाता है। हालांकि इसकी खेती भारत में धीरे धीरे लोकप्रिय हो रही है और गुजरात में तो बड़े पैमाने पर की जाने लगी है लेकिन इसके बाद भी करीब 5 हज़ार करोड़ रुपए के ड्रैगन फ्रूट, एवोकाडो जैसे फल हम आयात कर रहे हैं।
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराजसिंह चौहान ने कहा है कि यह पैसा हमारे किसानों की जेब में ही जा सकता है, यदि हम इन फसलों की खेती अपने देश में ही करें। किसानों को प्रेरित करने के लिए वे खुद विदिशा में अपने खेतों में ड्रैगन फ्रूट की खेती कर रहे हैं।
ड्रेगन फ्रूट की खेती के संबंध में ट्वीट भी किया
कृषि मंत्री शिवराजसिंह चौहान ने ड्रेगन फ्रूट की खेती के संबंध में ट्वीट भी किया। उन्होंने अपने एक्स हेंडल पर लिखा- आज विदिशा में अपने खेत पर एक नए संकल्प के साथ आया हूं… हमारे देश में ड्रैगन फ्रूट (कमलम), एवोकाडो जैसे फल हम लगभग 5 हज़ार करोड़ रुपये के आयात करते हैं। यह पैसा हमारे किसानों की जेब में जा सकता है, यदि हम इन फसलों की खेती अपने देश में ही करें।
बैंगलुरु स्थित ICAR-IIHR ने कमलम, कटहल और एवोकाडो जैसी फसलों पर महत्वपूर्ण अनुसंधान किए हैं। बैंगलोर में इसके सफल प्रयोग हुए हैं, लेकिन अब ज़रूरत है कि देशभर में यह पहल आगे बढ़े। इसी दिशा में मैं स्वयं अपने खेत में ड्रैगन फ्रूट, एवोकाडो और जैक फ्रूट की खेती का प्रयोग कर रहा हूं ताकि किसान देखें, समझें और आत्मविश्वास के साथ इस दिशा में आगे बढ़ें।