प्रदेश के रीवा में पंच-सरपंच सम्मेलन आयोजित हुआ। राज्य के उप मुख्यमंत्री राजेन्द्र शुक्ल ने यहां कहा कि ग्राम पंचायतों का विकास होगा तभी रीवा का विकास संभव है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी तथा मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव गांव के विकास के लिए पर्याप्त राशि प्रदान कर रहे हैं।
प्रदेश के पंचायत एवं ग्रामीण विकास और श्रम मंत्री तथा रीवा जिले के प्रभारी मंत्री प्रहलाद सिंह पटेल ने कहा कि राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने ग्राम पंचायतों को आर्थिक रूप से आत्मनिर्भर बनाकर पंच परमेश्वर की कल्पना की थी। उन्होंने पंचायत पदाधिकारियों को अपने अधिकारों के साथ कर्तव्यों पर भी ध्यान देने की सलाह देते हुए कहा कि विवाद से विकास के कार्य संभव नहीं हैं।
मंत्री प्रहलाद पटेल ने कहा कि आर्थिक रूप से सशक्त बनाकर और प्रशासनिक व्यवस्था से समन्वय बनाकर ही पंचायतों का विकास होगा। ग्राम पंचायतों को गांव की साफ-सफाई, सड़कों के निर्माण, कचरा प्रबंधन, गंदे पानी की निकासी, स्वच्छ पेयजल व्यवस्था, शिक्षा के विकास, जल संरक्षण के कार्य तथा सामाजिक विकास पर ध्यान देना आवश्यक है।
मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इसे बढ़ाकर 6 हजार करोड़ रुपए कर दिया
मंत्री प्रहलाद पटेल ने कहा कि पंचायतों को सशक्त करने के लिए सरकार लगातार प्रयास कर रही है। सरपंचों की 15 लाख रुपए की सीमा को बढ़ाकर 25 लाख रुपए कर दिया गया है। 15वें वित्त आयोग में हर पंचायत को पर्याप्त राशि दी जा रही है। राज्य वित्त आयोग से ग्राम पंचायतों को 1400 करोड़ रुपए दिए गए हैं। इस वर्ष मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने इसे बढ़ाकर 6 हजार करोड़ रुपए कर दिया है। पंचायतों में अब राशि की कोई कमी नहीं है। स्टांप ड्यूटी शुल्क 900 से बढ़कर 2000 करोड़ हुई। इससे भी विकास के काम किया जा सकेंगे।
विकास के कार्य में राशि की कोई कमी नहीं
विकास के कार्य में राशि की कोई कमी नहीं है। भवन विहीन सभी ग्राम पंचायतों को बिना मांगे पंचायत भवन तथा सामुदायिक भवन दिया जा रहा है। पंचायत भवन जो 30 से 40 साल पुराने हो गए हैं उन्हें भी समिति से परीक्षण कराकर उसकी रिपोर्ट के अनुसार नया भवन दिया जाएगा। जिला पंचायत अध्यक्ष नीता कोल ने कहा कि विवादों और नकारात्मक बातों को छोड़कर हम सब मिलकर पंचायतों और जिले के विकास के लिए प्रयास करें। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कोलगढ़ी के जीर्णोद्धार तथा रीवा में कोल मंगल भवन देकर अनुसूचित जनजाति का मान बढ़ाया है।