Checking Guidelines: मध्यप्रदेश में वाहन चैकिंग को लेकर अक्सर सवाल उठते रहते हैं और अवैध वसूली के भी आरोप लगते हैं। इसी बीच अब मध्यप्रदेश में वाहन चैकिंग को लेकर नई गाइडलाइन जारी की गई है। मध्यप्रदेश ट्रांसपोर्ट कमिश्नर ने ये गाइडलाइन जारी की है और 8 प्वाइंट्स में जरूरी निर्देश वाहन चैकिंग को लेकर दिए हैं। साथ ही ये भी कहा गया है कि आदेश का पालन नहीं करने पर प्रभारी पर कार्रवाई होगी। बताया जा रहा कि अवैध वसूली की लगातार मिल रहीं शिकायतों के बाद ये आदेश जारी किया गया है।
— परिवहन चेकपॉइंट / परिवहन सुरक्षा स्क्वॉड द्वारा चेकिंग तभी की जायेगी जब कम से कम एक सहायक परिवहन उप निरीक्षक स्तर का अधिकारी मौजूद हो।
— चेकिंग के समय समस्त स्टॉफ वर्दी में होना चाहिए एवं सभी की वर्दी पर नेम प्लेट भी लगी होना चाहिए। — यूनिट के साथ संबद्ध ड्रायवर के अतिरिक्त कोई भी प्रायवेट व्यक्ति चेकिंग की कार्यवाही के दौरान प्रत्यक्ष अथवा परोक्ष रूप से सम्मिलित नहीं होना चाहिए। चालानी कार्यवाही केवल POS मशीन के माध्यम से की जानी चाहिए।
— वाहन चेकिंग के दौरान यूनिट द्वारा एक बार में मात्र एक ही वाहन को रोका जाये और उसकी चेकिंग उसके विरूद्ध कार्यवाही के पश्चात ही अन्य किसी वाहन को रोका जाये। किसी भी वाहन को बिना किसी विशेष कारणों के 15 मिनिट से अधिक न रोका जाये अन्यथा यह माना जायेगा कि वाहन को रोकने के संबंध में यूनिट की मंशा सही नहीं है।
— रात के समय अगर चेकिंग आवश्यक हो तो ऐसे स्थान का चयन किया जाये जहां रोशनी के अभाव में कोई दुर्घटना न हो। अंधेरे के समय चेकिंग के दौरान स्टाफ के पास LED Baton एवं Reflective Jacket पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध हो, प्रभारी यह भी सुनिश्चित करेंगे।
— Body Worm Camera उपलब्ध होते ही संपूर्ण चैकिंग अवधि के दौरान कम से कम 2 Body Worm Camera चालू हालत में रहें और इनमें से एक लाइव मोड में रहे ऐसा प्रभारी सुनिश्चित करें। चैकिंग के दौरान उपरोक्त वर्णित Recording Mode के दो कैमरों के अलावा बाकी अन्य कैमरा स्टैंडबाय मोड में रहेंगे। body Worm Camera में चैकिंग कार्यवाही का हर क्षण रिकॉर्ड होना चाहिए।
— Body Worm Camera पर्याप्त रूप से चार्ज रहें एवं उसमें पर्याप्त स्टोरेज प्रतिदिन उपलब्ध रहे, यह व्यवस्था प्रभारी सुनिश्चित करेगें। — अगर चैकिंग के दौरान किसी वाहन ड्रायवर अथवा किसी अन्य प्रायवेट व्यक्ति से वाद-विवाद होता है तो उसकी जानकारी में लाकर घटना की Body Worm Camera से रिकॉर्डिंग की जाये ताकि संबंधित के द्वारा की गयी शिकायत की जांच के दौरान वरिष्ठ अधिकारियों को सही स्थिति ज्ञात हो सके।