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अलर्ट : अगले 24 घंटे में ओलावृष्टि के साथ तेज आंधी-बारिश की चेतावनी सिंघार ने सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में सीबीआइ जांच की कराने की मांग की। बोले-एजेंसियां दबाव में हैं। विपक्ष सीबीआइ जांच की मांग पर अड़ा रहा। सरकार से अनुशंसा करने की मांग की। मांग पूरी न होने पर विपक्ष ने वेल में आकर नारेबाजी की, फिर वॉकआउट किया। विपक्ष के आरोपों पर संसदीय कार्य मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ऐतराज जताते रहे। बोले-लोकायुक्त पर आरोप नहीं लगा सकते।
विपक्ष मांग रहा इनके जवाब, बोला-सच्चाई सामने आए
- ट्रांसपोर्ट कमिश्नर डीपी गुप्ता को हटाना पर्याप्त था क्या? उनके खिलाफ जांच क्यों नहीं कराई गई?
- जो डायरी मिली, उसमें पूर्व परिवहन मंत्री के ओएसडी रहे दशरथ पटेल के दस्तखत हैं, इसकी जांच करा सकते हैं।
- प्रदेश के लोगों की मेहनत की कमाई का पैसा है, तो सच्चाई सामने आनी चाहिए।
- जो डायरी (Saurabh Sharma Case)के पन्ने वायरल हुए, क्या सरकार ने उसकी जांच कराई थी कि इसमें किसके हस्ताक्षर हैं। प्रदेश की जनता को पता चलना चाहिए कि सोना किसका है, नकदी किसकी है। हालांकि परिवहन मंत्री उदय प्रताप सिंह ने कहा कि लोकायुक्त को जांच में कोई डायरी नहीं मिली है।
- परिवहन विभाग के तत्कालीन एसीएस से भी इस बारे में जानकारी मांगी जानी चाहिए थी।
- इनोवा कार का नंबर है। फार्म हाउस है, सोना है, सब कुछ है, लेकिन किसका है? यह पुलिस नहीं बता रही।
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कैलाश ने कहा, लोकायुक्त से संबंधित प्रश्न पूछ सकते हैं। जो मामला विचाराधीन है, उस पर सवाल नहीं उठा सकते। इस पर उमंग ने कहा, यदि लोकायुक्त सोना और कैश की जांच करती तो इनकम टैक्स बीच में नहीं आता। लोकायुक्त ने इस मामले में कार्रवाई नहीं की। सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में सीबीआइ जांच करे, ऐसा हम चाहते हैं।
मंत्री की अनुशंसा पर सौरभ की नियुक्ति
कटारे ने कहा, उनके एक सवाल पर बताया गया कि सौरभ शर्मा(Saurabh Sharma Case) की अनुकंपा नियुक्ति के लिए 2016 में परिवहन मंत्री ने पत्र लिखा था। यह पत्र मंत्री ने खुद ही लिखा था, जबकि उनसे अभिमत नहीं मांगा गया था। कटारे बोले कि सौरभ वसूली करता था। वह सत्य प्रकाश के संपर्क में आया, फिर राजेन्द्र सेंगर और उसके बाद मंत्री के संपर्क में आया। जो फर्जी अनुकंपा नियुक्ति सौरभ शर्मा को दी गई और जिसके नोटशीट के आधार पर दी गई, उसके खिलाफ कारवाई की जाएगी। परिवहन मंत्री उदय प्रताप ने कहा, अनुकंपा नियुक्ति प्रक्रिया में कहीं गलती नहीं है। ये भी पढें
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कटारे ने कहा कि पूरे शहर में कैमरे लगे हैं, कार में 52 किलो सोना मिला। उस कार की लाइव लोकेशन ट्रेस करते तो सब पता चल जाता। जांच एजेंसी ने ऐसा नहीं किया। आखिर किसे बचाया जा रहा है। जब उन्होंने पूर्व मंत्री की बात कही तो मंत्री कैलाश ने ऐतराज जताते हुए कहा कि आरोप लगाने के पहले सूचना देनी चाहिए थी। इस पर कटारे ने कहा कि वे किसी का नाम नहीं ले रहे। फिर बात मेें सुधार करते हुए बोले-सुरखी के एक और खुरई के एक व्यक्ति की आमदनी अचानक बढ़ गई। इस पर संसदीय कार्य मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने प्वॉइंट ऑफ ऑर्डर कहा कि ध्यानाकर्षण का विषय नहीं है। तब अध्यक्ष ने व्यवस्था दी कि सिर्फ ध्यानाकर्षण प्रस्ताव से ही संबंधित मसले पर ही बात होगी।
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ध्यानाकर्षण के दौरान उमंग ने सुप्रीम कोर्ट की रूलिंग का हवाला देते हुए कहा कि सदन में सदस्यों को खुलकर बोलने का अधिकार है। इस पर संसदीय कार्य मंत्री ने कहा कि विधानसभा की कार्यवाही संचालन प्रक्रिया से चलती है। सुप्रीम कोर्ट से नहीं चलती। इस टिप्पणी पर सिंघार ने कहा कि ऐसा कहकर मंत्री सुप्रीम कोर्ट का अपमान कर रहे हैं। इसके बाद सदन में हंगामा और शोर-शराबा तेज हो गया। सत्ता पक्ष और विपक्षी दल के सदस्यों के बीच तीखी बहस होने लगी।
प्रतीकात्मक सोने के बिस्किट दिखाए
सिं घार व कटारे ने प्रतीकात्मक रूप से सोने की बिस्किट दिखाई। सदन मेें जब बिस्किट दिखाकर कटारे अपनी बात कह रहे थे, तब भाजपा सदस्यों ने पूछा यह असली है क्या? इस पर कटारे ने कहा कि असली तो आप लोगों के पास है, यह तो नकली है। इसके बाद सिंघार ने कहा कि जिन अधिकारियों ने जनता का पैसा लूटा है, अवैध वसूली की है, उनके खिलाफ जांच होनी चाहिए। ये भी पढें
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स रकार की ओर से परिवहन मंत्री उदय प्रताप सिंह ने कहा कि एजेंसियां स्वतंत्र हैं। जांच कर रही हैं। एजेसियों की जांच में कई तरह के करप्शन सामने आए हैं। दोषी लोग जेल में हैं, इसलिए जांच पर सवाल नहीं उठा सकते। मंत्री ने सौरभ की अनुकंपा नियुक्ति नियमानुसार हुई है, संदेह का विषय नहीं है। अभी जांच में जब यह पाया कि उसका शपथ-पत्र गलत है, तब 3 मार्च को पुलिस को प्रकरण दर्ज कर कार्रवाई करने लिखा है। मंत्री ने कहा, सौरभ ने वीआरएस ले लिया, इसलिए वह विभाग की सीधी कार्रवाई में नहीं आ रहा था। 1 जुलाई 2024 से सभी परिवहन चेक पोस्ट बंद किए हैं। वाहन जांच की पारदर्शी व्यवस्था लागू की है।