4 देशी और 4 भारतीय भाषाओं की शिक्षा
राष्ट्रीय शिक्षा नीति (National Education Policy) के अनुरूप बच्चों को संस्कृत के अलावा पांचवीं तक चार विदेशी और चार भारतीय भाषाओं की जानकारी दी जाएगी। संस्कृत बोर्ड से मान्यता
राज्य ओपन स्कूल इन स्कूलों को वेल्यूएशन करेगा। जबकि महर्षि पतंजलि संस्थान कोर्स संचालित करेगा। स्कूल की मान्यता संस्कृत बोर्ड देगा।
दाखिला कैसे
स्कूल में 2 से 6 साल की उम्र के बच्चों को दाखिला मिलेगा। यहां कामकाजी माता-पिता के लिए क्रेच भी होगा। सुबह 9 बजे से शाम 6 बजे तक स्कूल संचालित होगा। कोई पाठ्यपुस्तक नहीं होगी। 3-5 वर्ष आयु वर्ग के बच्चों की स्वाभाविक सीखने की क्षमता के लिए संस्कृत को ’बीज भाषा’ के रूप में पढ़ाया जाएगा।
सरोजिनी नायडू स्कूल में पायलट प्रोजेक्ट
राजधानी के सरोजिनी नायडू स्कूल में पायलट प्रोजेक्ट के रूप में चलाया जा रहा है। स्कूल में उन बच्चों को प्रवेश दिया जाता है जिनके माता-पिता दोनों कामकाजी हैं। फीस के रूप में दोनों का दो दिन का वेतन लिया जा रहा है।
प्रोटोटाइप में मिनी चिड़ियाघर, जंगल और बहुत कुछ है
भारतीय परंपराओं और मूल्यों को दर्शाते हुए पाठ्यक्रम संस्कृत, संस्कृति और संस्कार पर आधारित है। अरुण उदय स्कूल के प्रोटोटाइप में स्कूल में बच्चों के अनुकूल सुविधाएं हैं, जिसमें रंग-बिरंगे फर्नीचर, दीवारों पर भित्ति चित्र, खरगोश, कबूतरों और विदेशी पक्षियों वाला एक छोटा चिडिय़ाघर, एक ध्यान उद्यान, औषधीय पौधों की नर्सरी, एक मछलीघर और एक छोटा जंगल शामिल है। स्कूल में कहानी कोना और कठपुतली कोना जैसे इंटरैक्टिव लर्निंग क्षेत्र भी शामिल हैं।
किसी भी भाषा को आसानी से सीख सकता है संस्कृत जानने वाला
संस्कृत जानने वाला व्यक्ति दुनिया की किसी भी भाषा को आसानी से सीख सकता है। इसलिए संस्कृत से पढ़ाई शुरू की जा रही है। पांचवीं के बाद बच्चों को सबद्ध स्कूल में एडमिशन होगा। पांचवीं तक बच्चों को चार देशी और चार विदेशी भाषाओं के जानकार बनाया जाएगा।