गौरतलब है कि जारी किए नोटिस पर सांसद आलोक शर्मा ने आपत्ति ली थी। टेंडर जारी होने से पहले ही मकान खाली कराने के नोटिस जारी होने पर रहवासियों में तो नाराजगी है ही, सांसद आलोक शर्मा ने कलेक्टर कौशलेंद्र विक्रम सिंह से इन मकानों में रहने वालों को नोटिस जारी करने पर तीखी नाराजगी जताई है।
ये भी पढ़ें: रेलवे का ऐलान, एमपी के 4 बड़े स्टेशनों से होकर चलेगी स्पेशल ट्रेन मामले में प्रोफेसर कॉलोनी रहवासी संघ भी सक्रिय हुआ। संघ के त्रिभुवन मिश्रा ने बताया वे मामले में मंगलवार को हाउसिंग बोर्ड पहुंचकर उच्चाधिकारियों को ज्ञापन देंगे। सांसद शर्मा ने मामले में संभवत: बुधवार या गुरुवार को संबंधित प्रशासनिक अफसरों के साथ जनप्रतिनिधियों की बैठक तय करने की बात कही। यहां कुल 149 घर है। इसके अलावा अन्य भवन है।
शिफ्ट होने है कई ऑफिस
रीडेंसीफिकेशन प्रोजेक्ट लगभग 500 करोड़ रुपए का है। इससे यहां संभागायुक्त, आईजी देहात, कलेक्टर, चार एडीएम कार्यालय, नाजिर शाखा, खनिज शाखा, आबकारी विभाग, खाद्य विभाग, निर्वाचन के लिए अलग से कार्यालय, खाद्य विभाग व इनसे संबंधित कार्यालय, बाबुओं के बैठने की व्यवस्था, कांफ्रेंस हाल, रिकॉर्ड रूम, लोकसेवा गारंटी केंद्र, एसएलआर, अधिवक्ता कक्ष, महिला बाल विकास, आदिम जाति कल्याण विभाग, सामाजिक न्याय विभाग सहित अन्य दफ्तर शिफ्ट होने हैं। इसके साथ ही मौजूदा ओल्ड सेक्रेटरिएट की खाली होने वाली जमीन पर हाउसिंग और कमर्शियल प्रोजेक्ट लाने की योजना है।