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भोपाल

एमपी सरकार का बड़ा फैसला, निजी हाथों में नहीं जाएंगे सरकारी अस्पताल

government hospitals: सरकार ने फैसला बदला, अब सरकारी अस्पताल निजी कॉलेजों को नहीं दिए जाएंगे। 9 साल बाद चार लाख कर्मचारियों को पदोन्नति और सैलरी बढ़ोतरी का तोहफा मिला।

भोपालApr 09, 2025 / 07:12 am

Akash Dewani

Government hospitals will not go into private hands big decision of MP government
government hospitals: मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अगुवाई में मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में दो बड़े फैसले लिए गए, जिनका सीधा असर प्रदेश के आम नागरिकों और चार लाख से ज्यादा सरकारी कर्मचारियों पर पड़ेगा। एक तरफ सरकार ने निजी मेडिकल कॉलेजों को जिला अस्पताल देने की योजना पर रोक लगा दी है, वहीं दूसरी ओर नौ वर्षों से पदोन्नति की प्रतीक्षा कर रहे कर्मचारियों को राहत देते हुए उनके ओहदे और वेतन में बढ़ोतरी की घोषणा की गई है।

सरकारी अस्पतालों पर सरकार का ही रहेगा नियंत्रण

प्रदेश सरकार ने पहले तय किया था कि सरकारी जिला अस्पतालों को निजी मेडिकल कॉलेजों के अधीन सौंप दिया जाएगा। लेकिन अब इस निर्णय को वापस ले लिया गया है। नई व्यवस्था के अनुसार, इन अस्पतालों का संचालन पूर्ववत सरकारी तंत्र के माध्यम से ही किया जाएगा। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में यह अहम फैसला लिया गया। पत्रिका अखबार ने इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया था और इससे जुड़े संभावित दुष्परिणामों को सामने रखा था, जिसके बाद सरकार ने अपने रुख में बदलाव किया। हालांकि सार्वजनिक-निजी भागीदारी (PPP) मॉडल के तहत खोले जाने वाले निजी मेडिकल कॉलेजों को अस्पताल की सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी, लेकिन उनके संचालन में कोई हस्तक्षेप नहीं होगा।

निजी कॉलेजों को एक रुपए में 25 एकड़ जमीन

सरकार ने निजी मेडिकल कॉलेजों को बढ़ावा देने के लिए एक नई नीति भी बनाई है। उपमुख्यमंत्री राजेंद्र शुक्ल ने बताया कि अब सरकार PPP मॉडल के तहत मेडिकल कॉलेज खोलने वालों को 25 एकड़ जमीन मात्र एक रुपए की दर से देगी। पूर्व में कॉलेजों को स्वयं जमीन की व्यवस्था करनी होती थी, लेकिन अब इसमें ढील दी गई है। जिला अस्पतालों के साथ कार्य करने के लिए एक अलग संचालन समिति का गठन किया जाएगा, जिसमें निजी कॉलेजों के प्रतिनिधि भी शामिल होंगे। इससे उनकी वैधानिक आवश्यकताएं पूरी होंगी, लेकिन नियंत्रण सरकार के ही पास रहेगा।
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चार लाख से ज्यादा कर्मचारियों को मिलेगा प्रमोशन का लाभ

सरकार ने राज्य के अधिकारियों और कर्मचारियों को पदोन्नति देने का ऐतिहासिक फैसला लिया है। पिछले नौ वर्षों से पदोन्नति की राह देख रहे अधिकारी-कर्मचारियों को मई 2025 से इसका लाभ मिलना शुरू होगा। इससे न केवल उनका पद बढ़ेगा, बल्कि हर महीने की सैलरी में भी हजारों रुपये का इजाफा होगा। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने बताया कि कई कर्मचारी पदोन्नति की प्रतीक्षा में सेवानिवृत्त हो चुके हैं। सरकार ने मंत्री और वरिष्ठ अधिकारियों के साथ बैठक कर इस प्रक्रिया में आ रही रुकावटों को दूर करने का निर्णय लिया है। अब जल्द ही नए नियम बनाकर कैबिनेट में प्रस्तुत किए जाएंगे।

पिछली सरकारों में अटकी रही प्रक्रिया

पदोन्नति में आरक्षण को लेकर लंबा विवाद चला। जब विवाद शुरू हुआ, तब प्रदेश में शिवराज सिंह चौहान की सरकार थी। उस दौरान और बाद में कमलनाथ सरकार के कार्यकाल में भी कोई ठोस समाधान नहीं निकल सका। आखिरकार अब मोहन सरकार ने इस दिशा में बड़ा कदम उठाया है।
सामान्य प्रशासन विभाग के अनुसार वरिष्ठ स्तर पर पदोन्नति से संबंधित फॉर्मूले तय कर लिए गए हैं और कुछ अटके मामलों को इस महीने में ही सुलझा लिया जाएगा।

कर्मचारियों ने जताया मुख्यमंत्री का आभार

सरकार की इस घोषणा के बाद राज्यभर के कर्मचारियों में उत्साह की लहर दौड़ गई है। कई संगठनों ने मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव का आभार जताया और इसे ऐतिहासिक फैसला बताया। इस निर्णय से सरकारी मशीनरी में कार्यप्रणाली और मनोबल दोनों में सुधार आने की उम्मीद है।

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