इस सिस्टम के तहत अधिकारी मोबाइल और लैपटॉप से भी फाइल देख सकते हैं। यह एक डिजिटल प्लेटफॉर्म (E Office solutions) है जिसे सरकारी कार्यालयों की कार्यप्रणाली को पारदर्शी और कागज रहित बनाने के लिए अपनाया गया है। यह खासतौर पर फाइलों के संचालन, दस्तावेजों के ट्रैकिंग और कार्यालयीन कार्यों के प्रबंधन को डिजिटल रूप में संचालित करने में मदद करता है।
बैठक में निर्देश
● सभी एसडीएम अपने-अपने क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले कोचिंग संस्थान, अस्पताल, होटल, पटाखों की दुकान और अन्य संस्थानों का फायर ऑडिट सुनिश्चित करें। ● राजस्व अभियान के अंतर्गत फार्मर रजिस्ट्री आरओआर लिंकिंग का काम जल्द पूरा करें। ● एसडीएम को अवैध माइनिंग व अवैध कॉलोनियों पर सख्त कार्रवाई करने के निर्देश। ● एडीएम को एसडीएम कोर्ट और एसडीएम को तहसीलदार कोर्ट के निरीक्षण का निर्देश। ● 50 दिन से अधिक लंबित सीएम हेल्पलाइन शिकायतों की रोजाना समीक्षा की जाएं।
● जिले की नदी, तालाब, जल संरचनाओं का संरक्षण व संवर्धन का एक महीने का प्लान तैयार होगा। ● कोई भी फाइल ऑफलाइन नहीं, ई-फाइल ही सिस्टम में आगे बढ़ेगी ● अस्पताल और कोचिंग का फायर ऑडिट होगा
भोपाल में इन दफ्तरों में ई-ऑफिस सिस्टम
● बिजली कंपनी में करीब चार साल से ई-ऑफिस सिस्टम लागू है। यहां अब कागजी बात बीते दिनों की बात है। ● नगर और ग्राम निवेश संचालनालय में एआइ आधारित सॉफ्टवेयर से ले-आउट अप्रूवल का काम, लेकिन लोगों को अब भी हार्डकॉपी के साथ भटकाया जाता है। ● नगर निगम की भवन अनुज्ञा में ई-फाइल सिस्टम से ऑनलाइन परमिशन का दावा, लेकिन हार्डकॉपी जरूर मंगाई जाती है। ● हाउसिंग बोर्ड ने अपने सभी दस्तावेजों को स्कैन कर इ-ऑफिस सिस्टम लागू किया। अभी यहां शुरुआती चरण में है।
ऐसे काम करता है ई-ऑफिस सिस्टम
● फाइलों के डिजिटल रूपांतरण के तहत कागजी फाइलों को स्कैन कर सिस्टम में अपलोड किया जाता है। ● अधिकारी और कर्मचारी डिजिटल रूप से फाइल पर नोट लगा सकते हैं। टिप्पणियां दे सकते हैं और स्वीकृति दे सकते हैं। ● हर फाइल और नोट की स्थिति जैसे कहां रुकी है, किसके पास है जैसी स्थितियों को रियल टाइम में ट्रैक किया जा सकता है। ● ऑफिस के अंदर सूचना भेजने और प्रगति की निगरानी के लिए डैशबोर्ड और मेल सिस्टम होता है।