पुस्तक मेला लगाने की बात थी, नहीं लगाया
- स्कूलों के परीक्षा परिणाम मार्च में ही आना शुरू हो गए थे। जिनके कक्षाओं के परिणाम आ गए, उनसे जुड़े विद्यार्थियों ने अगले कक्षा की पाठ्य पुस्तकें व शैक्षणिक सामग्री की खरीदी भी मार्च में ही शुरू कर दी। मार्च के अंतिम सप्ताह में निजी दुकानों पर पुस्तक खरीदारी करने काफी भीड़ रही थी। एक अप्रेल से नया शैक्षणिक सत्र शुरू हो गया। जो बचे थे, उन्होंने ने भी अप्रेल के पहले सप्ताह में कोर्स की खरीदी कर ली। अब प्रशासन ने जांच के लिए दल गठित किए। इसमें पुस्तकों के आइएसबीएन नंबर की पुष्टि करने कार्रवाई प्रतिवेदन देने के निर्देश दिए गए।