राजधानी के सरोजनी नायडू स्कूल में पायलेट प्रोजेक्ट पर अरूण, उदय कक्षाओं का संचालन हो रहा है। ये डे बोर्डिंग हैं। स्कूल में दीवारों पर भित्ति चित्र, गाय, पक्षी के चित्र हैं। एक मछलीघर और एक छोटा जंगल शामिल है। स्कूल में उन बच्चों को प्रवेश दिया जाता है जिनके माता पिता दोनों कामकाजी है। प्रवेश उनका दो दिनों का वेतन है। नए स्कूलों के नियम अलग होंगे।
अधिकारियों के मुताबिक राष्ट्रीय शिक्षा नीति में बच्चों को एक से अधिक भाषाओं के जानकार बनाने का प्रावधान है। इसके लिए संस्कृत को आधार बनाया गया। ऐसी योजना है जिसमें कक्षा पांचवीं तक तक बच्चा चार विदेशी और चार भारतीय भाषाओं का जानकार बन जाए।
संस्कृत जानने वाला दुनिया की किसी भी भाषा को आसानी से सीख सकता है। इसी के आधार पर इन्हें शुरू किया जाएगा। एजेंसी तय की जा रही है। इन कक्षाओं को पास करने के बाद बच्चों को सम्बद्ध स्कूल में एडमिशन होगा। एजेंसी इनकी फेन्चाइसी दे सकती है। पांचवी तक बच्चों को चार देशी और चार विदेशी भाषाओं के जानकार बनाने की कोशिश रहेगी।