पंडित अशोक व्यास ने बताया कि हिंदू धर्म में किसी भी तरह के ग्रहण का विशेष महत्व होता है। ज्योतिष शास्त्र में सूर्य ग्रहण को एक खगोलीय घटना माना है। इसे लेकर कहा जाता है कि इस दौरान नकारात्मक ऊर्जा सक्रिय होती है। इसका असर राशियों पर पड़ता है। पंचांग के अनुसार, चैत्र माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि की शुरुआत 29 मार्च को शाम 4 बजकर 27 मिनट से होगी और तिथि अगले दिन यानी 30 मार्च को दोपहर 12 बजकर 49 मिनट पर खत्म होगी। सूर्य ग्रहण का असर विश्व में नजर आने लगा है। शुक्रवार दोपहर म्यांमार, थाईलैंड और बांग्लादेश में भूकंप के झटके से लोग सहम गए। यह संकेत अच्छे नहीं है।