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छत्तीसगढ़ सबसे ज्यादा निवेश लाने वाले 10 राज्यों में शुमार, रायपुर में बनेगा NIFT कैंपस, साय कैबिनेट का अहम फैसला रायपुर के एसआरजीआई कॉलेज के छात्र अमान अहमद इस स्टार्टअप के फाउंडर हैं, जिन्होंने बुधवार को छत्तीसगढ़ स्वामी विवेकानंद तकनीकी विश्वविद्यालय में हुए स्टार्टअप आइडिया पिचिंग कॉपीटिशन में अपना बिजनेस आइडिया शेयर कर सराहना पाई। उनके स्टार्टअप आइडिया को सुनने के बाद एक्सपर्ट ने उन्हें फंडिंग और मार्गदर्शन के लिए आगे के राउंड में जाने योग्य माना। इस कॉपीटिशन में छत्तीसगढ़ से कुल 26 स्टार्टअप फाउंडर शामिल हुए।
इस चॉकलेट को परखने के लिए रायपुर, भिलाई और दुर्ग में सैंपल सर्वे कराया। लोगों ने चॉकलेट के स्वाद को बेहतर बताया।अमान ने पिचिंग के दौरान बताया कि, अक्सर हेल्थ कॉन्सेस लोग और डायबिटिज पेशेंट चॉकलेट खाने से परहेज करते हैं। वजह होती है, चॉकलेट में मौजूद शक्कर। उनका स्टार्टअप इस समस्या को दूर करता है। स्टिविया यानी मीठी तुलसी पूरी तरह से शुगर फ्री की तरह काम करती है, जिससे डायबिटिज और शुगर लेवल बढ़ने का खतरा नहीं होता है। उन्होंने इस स्टार्टअप का नाम क्रीमी-ड्रीमी रखा है। यह स्टार्टअप कैन्डी और चॉकलेट को बनाने के लिए देसी प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल कर रहा है, जिसमें खजूर भी शामिल है। फिलहाल, यह स्टार्टअप इनिशियल स्टेज पर है, जिसे जल्द ही फंड मिलने की उमीद है।
अमान फिलहाल, इंजीनियरिंग के स्टूडेंट हैं, जो आगे चलकर नौकरी के बजाए इस स्टार्टअप को आगे बढ़ाने की कोशिश में जुटे हैं। उन्होंने इस स्टार्टअप की शुरआत अपने घर से ही की है। फिलहाल, स्टार्टअप छत्तीसगढ़ के शहरों का मार्केट तलाश करने में जुटा है। स्विटिया युक्त यह चॉकलेट उन लोगों की क्रेविंग के खत्म करेगा, जो चॉकलेट खाना तो चाहते हैं, लेकिन शुगर लेवल को देख पीछे हट जाते हैं।
नारियल के पत्तों से बनाया जूस स्ट्रॉ सीएसवीटरयू फोर्टे के सीईओ अग्रांशु द्विवेदी ने बताया कि, आइडिया पिचिंग करने दुर्ग बीआईटी से भी एक बढ़िया स्टार्टअप आइडिया सामने आया। बीआईटी दुर्ग के छात्र अमित कुमार यादव ने अपने स्टार्टअप आइडिया को यूनिक तरह से पिच कर बताया कि, इनका स्टार्टअप बाजार में बिकने वाले प्लास्टिक जूस स्टॉ को पूरी तरह से खत्म कर सकता है। दरअसल, इनका स्टार्टअप कोकोनट लीफ (नारियल पत्ते) से स्ट्रॉ का निर्माण कर रहा है। उनका स्टार्टअप पूरी तरह से इकोफ्रेंडली सॉल्युशन है।
किंडल जैसा देसी ऐप तैयार इसके अलावा आइडिया पिचिंग कॉपीटिशन में रायपुर का स्टार्टअप माय स्टोरी केव भी शामिल हुआ। यह स्टार्टअप ऐसा ऐप तैयार कर रहा है, जिससे किताब पढ़ने का शौक रखने वालों को सबसे कम खर्च पर हर तरह की किताब का सब्सिक्रिप्शन मिल सकेगा। अभी तक लोग ऑनलाइन अमेजन किंडल पर नॉवेल या बुक पढ़ते हैं। इस स्टार्टअप का ऐप एक तरह की डिजिटल लाइब्रेरी होगी, जिसमें लॉगइन करने के बाद बेहद कम कीमत में लोगों को किताबें पढ़ने को मिल जाएगा।
डायबिटिक पेशेंट भी खा सकेंगे स्टिविया इनका स्टार्टअप बाजार में बिकने वाले प्लास्टिक जूस स्टॉ को पूरी तरह से खत्म कर सकता है। दरअसल, इनका स्टार्टअप कोकोनट लीफ (नारियल पत्ते) से स्ट्रॉ का निर्माण कर रहा है। आम तौर पर प्लास्टिक का छोटा सा स्ट्रॉ यूं ही फेंक दिया जाता है, लेकिन एक-एक कर इकट्ठा होने पर यह पर्यावरण के दुश्मन बनते हैं। उनका स्टार्टअप पूरी तरह से इकोफ्रेंडली सॉल्युशन है, जिससे लोगों की हेल्थ के साथ-साथ प्रकृति को भी बचाने में मदद मिलेगी।
किंडल जैसा देसी ऐप तैयार इसके अलावा आइडिया पिचिंग कॉपीटिशन में रायपुर का स्टार्टअप माय स्टोरी केव भी शामिल हुआ। यह स्टार्टअप ऐसा ऐप तैयार कर रहा है, जिससे किताब पढ़ने का शौक रखने वालों को सबसे कम खर्च पर हर तरह की किताब का सब्सिक्रिप्शन मिल सकेगा। अभी तक लोग ऑनलाइन अमेजन किंडल पर नॉवेल या बुक पढ़ते हैं। इस स्टार्टअप का ऐप एक तरह की डिजिटल लाइब्रेरी होगी, जिसमें लॉगइन करने के बाद बेहद कम कीमत में लोगों को किताबें पढ़ने को मिल जाएगा। इस स्टार्टअप के फांउडर अरमान मित्तल हैं, जो अभी बीटेक की पढ़ाई कर रहे हैं।