कैसे बढ़ा विवाद
मामला लखनऊ हाईवे स्थित फरीदपुर के नौगवां टोल प्लाजा का है। टोल मैनेजर कैलाश के मुताबिक, मंगलवार दोपहर 12:41 बजे ड्यूटी पर तैनात कर्मचारी श्रेयांश उपाध्याय सरकारी वाहनों की छूट प्रक्रिया देख रहे थे। तभी पूर्व सांसद धर्मेंद्र कश्यप का 5-6 लग्जरी गाड़ियों का काफिला वहां पहुंचा। टोलकर्मियों ने उनकी गाड़ियों को रोक लिया, जिसमें सबसे आगे की कार में खुद पूर्व सांसद धर्मेंद्र कश्यप मौजूद थे।टोलकर्मियों पर हमला
कैलाश के अनुसार, समर्थक हथियार लहराते हुए गाड़ियों से उतरे और श्रेयांश उपाध्याय को पीटना शुरू कर दिया। शोर-शराबा सुनकर कैलाश ने किसी तरह उन्हें बचाया। घटना के बाद समर्थक धमकी देते हुए वहां से चले गए।पुलिस की प्रतिक्रिया
फरीदपुर थाने के इंस्पेक्टर हरेंद्र सिंह ने बताया कि सोशल मीडिया पर वायरल मारपीट के वीडियो की जांच की जा रही है। अभी तक किसी भी पक्ष से तहरीर नहीं मिली है, लेकिन शिकायत आते ही मुकदमा दर्ज किया जाएगा।सीसीटीवी में कैद हुई घटना
टोल मैनेजर कैलाश ने बताया,“पूरा घटनाक्रम टोल प्लाजा के सीसीटीवी में रिकॉर्ड हुआ है। फुटेज निकालकर उच्च अधिकारियों को भेज दिया गया है।”
पूर्व सांसद ने क्या कहा
पूर्व सांसद धर्मेंद्र कश्यप ने अपने बचाव में कहा,“हमारी गाड़ी आगे थी, हमारे लोग विवाद को शांत कराने गए थे। हमने सिर्फ ट्रैफिक संचालन में मदद की, कोई मारपीट नहीं हुई।”