महापौर डॉ. उमेश गौतम ने कहा कि संगीत सिर्फ मनोरंजन का साधन नहीं, बल्कि मस्तिष्क को सक्रिय और मजबूत बनाए रखने का एक प्रभावी तरीका है। उन्होंने कहा कि जैसे शरीर को स्वस्थ रखने के लिए व्यायाम जरूरी है, वैसे ही दिमाग को तेज बनाए रखने के लिए संगीत सुनना या गाना एक बेहतरीन विकल्प है। शोध से यह भी साबित हुआ है कि संगीत सुनने से चिंता, रक्तचाप और दर्द में कमी आती है, साथ ही मानसिक सतर्कता और स्मरण शक्ति बेहतर होती है।
“संगीत गणितीय और संरचनात्मक होता है” – अशोक सक्सेना
क्लब के अध्यक्ष अशोक सक्सेना ने कहा कि संगीत गणितीय और संरचनात्मक होता है। यह एक स्वर और दूसरे स्वर के बीच तालमेल स्थापित करता है, जिसे समझने के लिए मस्तिष्क काफी मेहनत करता है। उन्होंने कहा कि गाने के लिए पेशेवर होने की जरूरत नहीं, बल्कि थोड़ा अभ्यास करके कोई भी व्यक्ति संगीत का आनंद उठा सकता है।
ऑनलाइन और ऑफलाइन मंच उपलब्ध – अरुण शर्मा
संस्था के सचिव अरुण शर्मा ने बताया कि बहुत से लोग संकोच या मंच की अनुपलब्धता के कारण गाना नहीं गाते, लेकिन अब ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों तरह के मंच उपलब्ध कराए गए हैं, ताकि अधिक से अधिक लोग संगीत से जुड़ सकें। उन्होंने कहा कि आज यूट्यूब पर कराओके ट्रैक उपलब्ध हैं, जिनकी मदद से कोई भी व्यक्ति थोड़ा अभ्यास कर संगीत का आनंद ले सकता है। उन्होंने बताया कि अब तक 242 ऑनलाइन और 14 ऑफलाइन कार्यक्रम आयोजित किए जा चुके हैं। ऑनलाइन संगीत कार्यक्रमों में बरेली, अमेरिका, भोपाल, इंदौर, ग्रेटर नोएडा, गुड़गांव, मुंबई और महाराष्ट्र सहित कई शहरों से लोग जुड़ रहे हैं।
समारोह का भव्य समापन, सभी को दी गई होली की शुभकामनाएं
समारोह के अंत में क्लब के कोषाध्यक्ष सत्य प्रकाश ओबेरॉय और मीडिया प्रभारी विजय शर्मा ने सभी का धन्यवाद किया। इस अवसर पर कंचन शर्मा, बेबी कुमारी, माला शर्मा, पारुल श्रीवास्तव, अनीता, नीरा उप्पल, प्रीति गोयल, रेनू श्रीवास्तव, संध्या अग्रवाल, सुमति सक्सेना, सुरेखा मिश्रा, उपमा दर्शन, मीणा अरोड़ा, नमिता गोविल, किरण पाठक, सीमा सक्सेना, निधि मेहरा, नीतू टंडन, रंजना ओबेरॉय, अर्चना मिश्रा, सीमा जौहरी, वर्षा शर्मा समेत 15 पुरुष सदस्य भी उपस्थित रहे।