लखनऊ में रहकर गिरोह चला रहा था सरगना वीरेंद्र
इज्जतनगर इंस्पेक्टर विजेंद्र सिंह ने बताया कि हाफिजगंज थाना क्षेत्र के गांव परेवा निवासी वीरेंद्र लखनऊ के बुद्धविहार में रहकर गिरोह चला रहा था। जालसाजों से नौ मोबाइल फोन, दो सिमकार्ड, सात डेबिट कार्ड, सात आधार कार्ड, सात फर्जी आधार कार्ड, एक चेकबुक और सात पर्चियां बरामद की गई हैं। जालसाज अपने सरगना वीरेंद्र से कमीशन की रकम लेने के लिए इकट्ठा हुए थे, तभी पुलिस ने उन्हें दबोच लिया। इज्जतनगर थाने में गिरोह के खिलाफ आईटी एक्ट, कूटरचना और धोखाधड़ी के आरोप में मुकदमा दर्ज किया गया है।
इन आरोपियों को किया गया गिरफ्तार
इज्जतनगर पुलिस ने गिरोह के सरगना वीरेंद्र समेत नवाबगंज के आदर्श कालोनी भट्ठा मोहल्ला निवासी दीपक कुमार व रोहित कुमार, गांव मुल्लापुर निवासी रिजवान, इज्जतनगर के धौरेरा माफी निवासी अनुज कुमार, पीलीभीत के थाना जहानाबाद के गांव बसंतपुर निवासी जीशान, ललौरीखेड़ा निवासी विजयपाल को भी पकड़ लिया।
खाते खुलवाकर ले लेते थे डेबिट कार्ड चेकबुक और सिम
पूछताछ में आरोपियों ने बताया कि वह ग्रामीणों को लालच देकर उनके नाम से अलग-अलग बैंकों में खाते खुलवाते थे। फिर ग्रामीणों से खाते का डेबिट कार्ड, पासबुक और खाते से लिंक सिम कार्ड ले लेते थे। यह सभी चीजें गिरोह के सदस्य अपने सरगना वीरेंद्र को देते थे। वीरेंद्र लखनऊ में बैठकर इन्हें कोरियर से कोलकाता में बैठे साइबर ठगों को देता था। वहीं से साइबर ठग इन खातों जरिये ठगी करते व इनमें रकम ट्रांसफर करवाते थे। रकम आने पर ठग रकम निकाल लेते थे और वीरेंद्र को 20 फीसदी कमीशन देते थे। वीरेंद्र इस कमीशन में से दस फीसदी हिस्सा खाते खुलवाने वाले अपने गुर्गों को देता था। गुर्गे मामूली रकम खाताधारक तक पहुंचाते थे।